Author

Pradeep Pant

0 Books

प्रदीप पंत

अप्रैल, 1941 में हल्द्वानी, ज़िला नैनीताल में जन्मे प्रदीप पंत की शिक्षा-दीक्षा लखनऊ में हुई।

प्रदीप पंत का व्यंग्य उपन्यास ‘महामहिम’ अत्यन्त चर्चित रहा है जिसका मराठी में अनुवाद हुआ और कुछ अन्य भाषाओं में हो रहा है। उनके कई अन्य उपन्यास भी प्रकाशित हुए हैं।

उनके व्यंग्य-संग्रह हैं—‘मैं गुट निरपेक्ष हूँ’, ‘प्राइवेट सेक्टर का व्यंग्यकार’, ‘सच के बहाने’, ‘मीडियाकर होने के मज़े’, ‘आँगन में कागा बोला’ आदि।

कहानी-संग्रह हैं—‘चर्चित कहानियाँ’, ‘कुत्ते की मौत’, ‘आम आदमी का शव’, ‘एक से दूसरी’, ‘राजपथ का मेनहोल तथा अन्य कहानियाँ’।

कन्नड़ में अनूदित कहानियों का संकलन ‘न्यायामट्टू इतहार कथेगलु’ शीर्षक से प्रकाशित। देश-विदेश के उनके यात्रा-संस्मरणों की पुस्तकें हैं—‘सफ़र-हमसफ़र’, ‘कुछ और सफ़र’, ‘लौटने से पहले’, ‘महादेश की दुनिया’। लेखों और भेंटवार्ताओं की पुस्तकें हैं—‘स्त्री और समाज , ‘प्रश्न और प्रसंग’।

यशपाल जन्मशती वर्ष में वे हिन्दी अकादमी, दिल्ली की पत्रिका ‘इन्द्रप्रस्थ भारती’ के वृहद् ‘यशपाल विशेषांक’ का सम्पादन कर चुके हैं।

उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, अनेक साहित्यिक संस्थाओं तथा हिन्दी अकादमी, दिल्ली ने उन्हें साहित्य, भाषा तथा संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया है।

 

All Pradeep Pant Books
Not found
कॉपीराइट © 2025 वाणी प्रकाशन पुस्तकें। सर्वाधिकार सुरक्षित।

डिज़ाइन और विकास: Octagon Technologies LLP