
Dr. Nishant Jain
1 Books
डॉ. निशान्त जैन यूपीएससी की वर्ष 2014 की सिविल सेवा परीक्षा में 13वीं रैंक पाकर हिन्दी/ भारतीय भाषाओं के माध्यम के टॉपर बने। वह भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई.ए.एस.) के 2015 बैच, राजस्थान कैडर के अधिकारी हैं। इतिहास, राजनीति विज्ञान व अंग्रेज़ी साहित्य में ग्रेजुएशन और हिन्दी साहित्य में पोस्ट-ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने यूजीसी की नेट- जेआरएफ़ परीक्षा उत्तीर्ण की। दिल्ली यूनिवर्सिटी (डी.यू.) से एम. फिल. और पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने एम. फिल. की उपाधि राजभाषा हिन्दी पर और पीएच.डी. की उपाधि कवि बनारसीदास के समग्र साहित्य पर शोध कर प्राप्त की। सिविल सेवा में चयनित होने से पहले लोकसभा सचिवालय के राजभाषा प्रभाग में दो साल सेवा की। साथ ही उन्होंने ‘मास्टर्स इन पब्लिक मैनेजमेंट' और 'पीजी डिप्लोमा इन ट्रांसलेशन' के कोर्स भी किये हैं। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी पर उनकी किताबें- ‘मुझे बनना है यूपीएससी टॉपर और All About UPSC Civil Services Exam’ अभ्यर्थियों में काफ़ी लोकप्रिय हैं, तो वहीं युवाओं की सेल्फ़-हेल्प किताब रुक जाना नहीं उनकी सर्वप्रिय किताब है जो अंग्रेज़ी में ‘Don't you Quit’ के नाम से प्रकाशित है। ‘सिविल सेवा परीक्षा के लिए निबन्ध’ उनकी सम्पादित पुस्तक है। उनकी शोधपरक पुस्तक राजभाषा के रूप में हिन्दी नेशनल बुक ट्रस्ट, भारत सरकार से और बाल कविता-संकलन ‘शादी बन्दर मामा की’ प्रकाशित हैं। निशान्त जैन ज़िला कलेक्टर के पद पर रहते हुए 'राज्य निर्वाचन पुरस्कार’, ‘राज्य दिव्यांगजन पुरस्कार' और टीबी उन्मूलन प्रयासों हेतु ‘नेशनल सिल्वर मेडल' से पुरस्कृत हैं। भाषा, साहित्य, संस्कृति, दर्शन, सूचना एवं जनसंचार, निबन्ध, अनुवाद, सेल्फ़-हेल्प, शिक्षा और लोक-प्रबन्धन उनकी रुचि के विषय हैं और युवाओं से संवाद स्थापित करने में उनका विशेष रुझान हैI