Author

Dr. Sanjeev Dixit Bekal

1 Books

"डॉ. संजीव दीक्षित 'बेकल' - ज़िन्दगी तेरे आज में हूँ और गुज़रे कल में भी, कभी आसाँ में हूँ और कभी मुश्किल में भी, मुझे ढूँढ़ो ख़याल के इस बेशकल भीड़ में, मिलूँगा उस 'बेकल' में और इस 'बेकल' में भी। डॉ. संजीव दीक्षित 'बेकल' गत 30 सालों से साहित्य सेवा में संलग्न हैं और अपने कविता-संग्रहों एवं लघु कथाओं के द्वारा हिन्दी पाठक समुदाय से जुड़े हुए हैं। 'बेकल' जी का सर्वप्रथम काव्य-संग्रह 'तिनका—एक सफ़रनामा' 2017 में प्रकाशित हुआ जिसे साहित्य समाज से अत्यधिक प्रशंसा मिली थी। उसके उपरान्त दूसरा एकल काव्य संग्रह 2018 में प्रकाशित, जोकि हिन्दी एवं अंग्रेज़ी संस्करण में था और उसका शीर्षक था 'ज़िन्दगी—एक सफ़रनामा' जिसने पाठकों को ज़िन्दगी के मर्म से साक्षात्कार कराया। इसके अलावा तीन साझा अन्तर्राष्ट्रीय काव्य संग्रह में भी मुख्य कवि के तौर पर रचनाएँ प्रकाशित। उनकी साहित्य साधना की यात्रा में नयी कड़ी है, 'धूप को निचोड़ कर' काव्य-संग्रह जिसमें पाठक पायेंगे विभिन्न भावनाओं एवं जीवन दर्शन का मिलन जो कि आपको परिपक्व दुनिया में ले जायेगी। डॉ. संजीव दीक्षित पिछले 22 वर्षों से मानव संसाधन एवं प्रगति में अन्तर्राष्ट्रीय कम्पनी में उच्च पद पर पदासीन हैं और अपने योगदान के कारण सर्वप्रसिद्ध हैं। "

Copyright © 2025 Vani Prakashan Books. All Rights Reserved.

Design & Developed by: https://octagontechs.com/