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Jainandan

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"जयनंदन - जन्म: 26 फ़रवरी, 1956, नवादा (बिहार) के मिलकी गाँव में। शिक्षा: एम.ए. हिन्दी। अब तक कुल सत्रह पुस्तकें प्रकाशित। 'श्रम एव जयते', 'ऐसी नगरिया में केहि विधि रहना', 'सल्तनत को सुनो गाँववालो' (सभी उपन्यास); 'सन्नाटा भंग', 'विश्व बाज़ार का ऊँट', 'एक अकेले गान्ही जी', 'कस्तूरी पहचानो वत्स', 'दाल नहीं गलेगी अब', 'घर फूँक तमाशा', 'सूखते स्रोत', 'गुहार', 'गाँव की सिसकियाँ', 'मेरी प्रिय कथाएँ', 'मेरी प्रतिनिधि कहानियाँ' (सभी कहानी-संग्रह); 'नेपथ्य का मदारी', 'हमला' तथा 'हुक्मउदूली' (तीनों नाटक)। देश की प्रायः सभी श्रेष्ठ और चर्चित पत्र-पत्रिकाओं में लगभग सवा सौ कहानियाँ प्रकाशित। कुछ कहानियों का फ्रेंच, स्पैनिश, अंग्रेज़ी, जर्मन, तेलुगु, मलयालम, गुजराती, उर्दू, नेपाली, मराठी, मगही आदि भाषाओं में अनुवाद। कुछ टी.वी. रूपान्तरण टेलीविज़न के विभिन्न चैनलों पर प्रसारित। पुरस्कार: राधाकृष्ण पुरस्कार, विजय शर्मा कथा सम्मान, बिहार सरकार राजभाषा लेखक प्रकाशन सम्मान, भारतीय ज्ञानपीठ का युवा लेखक सम्मान, बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान, झारखण्ड साहित्य सेवी सम्मान, स्वदेश स्मृति सम्मान आदि। "

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