
Kishor Singh Solanki
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"किशोरसिंह सोलंकी - जन्म: 1 अप्रैल, 1949 को मगरवाड़ा (ज़िला बनासकाँठा) गुजरात में। गुजराती के सिद्धहस्त कवि, कहानीकार, उपन्यासकार एवं सम्पादक। शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक एवं प्रशासनिक क्षेत्रों में विशिष्ट सेवाएँ। समर्पण कला व वाणिज्य महाविद्यालय, गाँधीनगर के प्राचार्य पद पर पन्द्रह वर्षों की सेवा के उपरान्त कैम्पस डायरेक्टर। इग्नू स्टडी सेंटर के कोआर्डिनेटर, अर्थ फाउंडेशन के प्रबन्धन्यासी, जी.एन.एफ़.सी. के चेयरमैन रहे। वर्तमान में गुजराती अध्यापक संघ के अध्यक्ष। कविता, कहानी, उपन्यास, निबन्ध, यात्रा-वृत्त जैसी अनेक विधाओं में चालीस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित। प्रमुख हैं—'रझळता दिवस', 'भाइचारो', 'वीरवाडा', 'अडधा आकाशे ऊगतो सूरज', 'वसवसो', 'अरावली' (उपन्यास); 'मानसने मेले', 'धूपछाँह' (हिन्दी), 'तेज लिसोटा त्राड', 'हँका' (कविता-संग्रह); 'भीनी माटीनी महक', 'पाँखिनी पंखमा पड़र', 'सुगन्दनो स्वाद' (निबन्ध-संग्रह); 'सहप्रवासी' (कहानी-संग्रह); 'काला पानीने किनारे', 'देश रे जोया परदेश जोया', 'शोधयात्रा' (यात्रा वृत्तान्त)। गुजराती मासिक पत्रिका 'शब्दसार' के एक दशक से सम्पादक। अनेक देशों की यात्राएँ। "