
Rahul Sankrityayan
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"राहुल सांकृत्यायन - जन्म : 9 अप्रैल, 1893 मूर्धन्य और अन्तरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त विद्वान राहुल सांकृत्यायन साधु थे, बौद्ध भिक्षु थे, यायावर थे, इतिहासकार और पुरातत्त्ववेत्ता थे; नाटककार और कथाकार थे और थे जुझारू स्वतन्त्रता सेनानी, किसान-नेता, जन-जन के प्रिय नेता। उनके अनन्य मित्र भदन्त आनन्द कौसल्यायन के शब्दों में- उन्होंने जब जो कुछ सोचा, जब जो कुछ माना, वही लिखा, निर्भय होकर लिखा। चिन्तन के स्तर पर राहुल जी कभी भी न किसी साम्प्रदायिक विचार - सरणी से बँधे रहे और न संगठित सरणी से । वह 'साधु न चले जमात' जाति के साधु पुरुष थे। राहुल जी ने धर्म, संस्कृति, दर्शन, विज्ञान, समाज, राजनीति, इतिहास, पुरातत्त्व, भाषाशास्त्र, संस्कृत ग्रन्थों की टीकाएँ, अनुवाद और इसके साथ-साथ रचनात्मक लेखन करके हिन्दी को इतना कुछ दिया कि हम सदियों तक उस पर गर्व कर सकते हैं। उन्होंने जीवनियाँ और संस्मरण भी लिखे और अपनी आत्मकथा भी। अनेक दुर्लभ पाण्डुलिपियों की खोज और संग्रहण के लिए व्यापक भ्रमण भी किया। निधन : अप्रैल, 1963