
Veerendra Vats
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"वीरेन्द्र वत्स कवि-गीतकार हैं। जन्म : 02 जनवरी 1963, ग्राम-गोपालपुर सराय ख़्वाजा, विकासखण्ड-करौंदीकला, जनपद-सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश। शिक्षा : एम.ए. हिन्दी साहित्य, इलाहाबाद विश्वविद्यालय। बी.ए. गांधी स्मारक डिग्री कॉलेज, समोधपुर, जौनपुर, गोरखपुर विश्वविद्यालय। हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट श्री हनुमत इंटर कॉलेज, बिजेथुआ, सूरापुर, सुल्तानपुर। कार्यानुभव : 'स्वतन्त्र भारत', 'दैनिक जागरण' और ‘हिन्दुस्तान' समाचारपत्रों में 33 वर्षों तक सेवा। वर्तमान में राज्य सूचना आयुक्त, उत्तर प्रदेश। उपलब्धियाँ और सम्मान : 'अन्तरराष्ट्रीय महात्मा गांधी सम्मान', 'डॉ. राममनोहर त्रिपाठी पत्रकारिता सम्मान’, ‘अटल बिहारी वाजपेयी सम्मान', ‘संस्कृति सम्मान’, ‘अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मान’, लखनऊ, ‘ज्ञान गौरव सम्मान' आदि से सम्मानित। हिन्दी और भोजपुरी फ़िल्मों के लिए लेखन। आपके ग़ज़ल-संग्रह कोई तो बात उठे की एक ग़ज़ल ‘नज़र नहीं है नज़ारों की बात करते हैं/ज़मीन पे चाँद-सितारों की बात करते हैं/ वो हाथ जोड़कर बस्ती को लूटने वाले/भरी सभा में सुधारों की बात करते हैं' काफ़ी चर्चित हुई है। मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ विधानसभा के बजट सत्र में इस ग़ज़ल के शेर पढ़े थे। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी इस ग़ज़ल को संसद और जनसभाओं में पढ़ते नज़र आये। आपकी एक और ग़ज़ल के शेर संसद में गूँज चुके हैं- 'मेरा हर लफ़्ज़ है अमन के लिए/मेरी हर साँस बन्दगी के लिए/मैं हवा के ख़िलाफ़ चलता हूँ सिर्फ़ इन्सान की ख़ुशी के लिए'। इसके आलावा आप उत्तर प्रदेश सरकार के कई महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक अभियानों के लिए गीत भी लिख चुके हैं। प्रकाशन-प्रसारण : ‘कोई तो बात उठे’ (ग़ज़ल-संग्रह); ‘अन्त नहीं यह’, ‘तू जीत के लिए बना’ (काव्य-संग्रह); ‘सहचरी खण्डकाव्य’ और ‘महाप्रलय’ उपन्यास प्रेस में। देश की विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। विशेष : प्रयागराज में छात्र- जीवन के दौरान महीयसी महादेवी वर्मा, डॉ. रामकुमार वर्मा, डॉ. जगदीश गुप्त, डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी और डॉ. मोहन अवस्थी जैसे सिद्ध रचनाकारों तथा आचार्यों का स्नेह व सान्निध्य मिला। आपने उनके साक्षात्कार भी लिये, जो दैनिक 'आज' तथा 'स्वतन्त्र भारत' में प्रमुखता से प्रकाशित हुए। वे साक्षात्कार अब हिन्दी साहित्य की धरोहर बन गये हैं। बाद के दिनों में आपने शायर-गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी, अनजान और संगीतकार नौशाद के भी साक्षात्कार लिये। ये साक्षात्कार दैनिक ‘हिन्दुस्तान' में प्रकाशित हुए और काफ़ी चर्चित रहे। "