Aankhon Ka Tara
इस कहानी-संग्रह में प्रथम कहानी में माता की आँखों की चमक और मोहक मुस्कान से सबका लाड़-दुलार पाने वाला सुपरस्टार शिशु तारा जब चार वर्ष का जन्मदिन मनाने डिज़्नी वर्ल्ड जाता है, तो उसके साथ उसका प्रिय परिवार भी डिज़्नीलैंड फ्लोरिडा के अविश्वसनीय, अद्भुत नज़ारों में सुकून तलाशता है। वर्तमान समय में दौड़-भाग और धन-दौलत की ज़रूरतमन्द जीवन-शैली से चन्द दिन डिज्नी वर्ल्ड में बिताना किसी स्वप्नलोक और परीलोक में रहकर आने जैसा है। वहीं बनाना रिवर और इंडियन रिवर (नदी) के बाद अटलांटिक महासागर के दुर्लभ आश्चर्यजनक दृश्यांकन को कहानी में लिखने की कोशिश की है। परी और जोसेफ़ के रूप में दो देशों भारत और अमेरिका के आपसी परिपक्व भावुक रिश्तों को दर्शाया गया है। उम्मीद करती हूँ आँखों का तारा में आप भी शिशु के बचपन का उल्लास मनायें और डिज़्नी वर्ल्ड जैसे महान व्यक्तित्व से परिचित हो कर उनके द्वारा कल्पित और निर्मित भव्य मैजिक किंगडम, जंगल, एनिमल किंगडम, फेयरी टेल हाउस, प्रिंसेस हाउस और एनीमेटेड कैरेक्टर्स से सुसज्जित, भव्य, विशालतम आकर्षक, मनमोहक, हृदयस्पर्शी डिज़्नीलैंड के आनन्दोत्सव, जीवन के अनुपम मेले में हिस्सा लें। शुभकामनाओं के साथ कथा-संग्रह का प्रारम्भ कर रही हूँ।
इसी पुस्तक से
Publication | Vani Prakashan |
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