Publisher:
Vani Prakashan

Aath Ekanki

In stock
Only %1 left
SKU
Aath Ekanki
Rating:
0%
As low as ₹104.50 Regular Price ₹110.00
Save 5%

संस्कृत नाट्यशास्त्र में वर्णित रूपक के भेदों-भाण, प्रहसन, व्यायोग, वीथी और अंक तथा उपरूपकों में से गोष्ठी, नाट्यरासक, विलासिका आदि की एक अंकीय संरचना में एकांकी से मिलते-जुलते कुछ रूपों को देखा जा सकता है । इसी तरह यूरोप के मिस्ट्री, मिरेकल और मोरेलिटी नाटकों में भी इसके कुछ रूप तलाशे जा सकते हैं। परन्तु आज का एकांकीलेखन आधुनिक युग की देन है। यूरोप में नाटक शुरू होने से पूर्व आये दर्शकों का मनोरंजन करने अथवा उन्हें शान्त रखने के लिए जिस कर्टेन रेजर का प्रचलन हुआ वही आज के एकांकीलेखन का प्रेरणा-स्रोत बना अर्थात नाटक से पूर्व एक लघु नाट्य प्रदर्शन । अक्तूबर 1903 में लन्दन के वेस्टएंड थिएटर में डब्ल्यू. डब्ल्यू. जैकब की कहानी 'द मंकीज़ पॉ' का नाट्यान्तर पहली बार कर्टेन रेजर के रूप में इतना चर्चित हुआ कि दर्शक मूल नाटक को ही भूल गये। इसके उद्देश्य और मूड का मुख्य नाटक से गहरा अन्तर था ।
प्रस्तुत संकलन एकांकी के विविध रूपों का एक चित्र पेश करता है। यथार्थवादी और गैर-यथार्थवादी रंगशिल्प, नाटकीय भाषा, सामाजिक स्थितियों के बुनियादी प्रश्नों के अनेक स्तरों का अंकन एक तरह से हिन्दी नाटकलेखन की बानगी ही है।

ISBN
Aath Ekanki
Publisher:
Vani Prakashan
More Information
Publication Vani Prakashan
sfasdfsdfadsdsf
Write Your Own Review
You're reviewing:Aath Ekanki
Your Rating
कॉपीराइट © 2025 वाणी प्रकाशन पुस्तकें। सर्वाधिकार सुरक्षित।

Design & Developed by: https://octagontechs.com/