Publisher:
Vani Prakashan

Aath Rang

In stock
Only %1 left
SKU
Aath Rang
Rating:
0%
As low as ₹52.25 Regular Price ₹55.00
Save 5%

संस्कृत नाट्यशास्त्र में वर्णित रूपक के भेदों-भाण, प्रहसन, व्यायोग, वीथी और अंक तथा उपरूपकों में से गोष्ठी, नाट्यरसिक, विलासिका आदि की एक अंकीय संरचना में एकांकी से मिलते-जुलते कुछ रूपों को देखा जा सकता है। इसी तरह यूरोप के मिस्ट्री, मिरेफल और मोरेलिटी नाटकों में भी इसके कुछ रूप तलाशे जा सकते हैं। परन्तु आज का एकांकी लेखन आधुनिक युग की देन है। यूरोप में नाटक शुरू होने से पूर्व आए दर्शकों का मनोरंजन करने अथवा उन्हें शान्त रखने के लिए जिस कर्टेन रेजर का प्रचलन हुआ वही आज के एकांकीलेखन का प्रेरणा-स्रोत बना अर्थात् नाटक से पूर्व एक लघु नाट्य प्रदर्शन । अक्तूबर 1903 में लन्दन के वेस्टएंड थिएटर में डब्ल्यू. डब्ल्यू. जैकब की कहानी 'द मंकीज़ पॉ' का नाट्यान्तर पहली बार कर्टेन रेजर के रूप में इतना चर्चित हुआ कि दर्शक मूल नाटक को ही भूल गए। इसके उद्देश्य और मूड का मुख्य नाटक से गहरा अन्तर था।

- भूमिका से 

ISBN
Aath Rang
Publisher:
Vani Prakashan
More Information
Publication Vani Prakashan
sfasdfsdfadsdsf
Write Your Own Review
You're reviewing:Aath Rang
Your Rating
कॉपीराइट © 2025 वाणी प्रकाशन पुस्तकें। सर्वाधिकार सुरक्षित।

Design & Developed by: https://octagontechs.com/