अध्यापक, अध्यापन और आध्यापक शिक्षा : नीतियाँ, बहसें और अनुभव
अध्यापक बनने की तैयारी और अध्यापन से जुड़े कुछ अन्य महत्तवपूर्ण मुद्दों पर केन्द्रित यह संकलन अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के सरोकारों को ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों के साथ साझा करने और उनके साथ निरन्तर संवाद स्थापित करने की दिशा में एक शुरुआती पहल है। इस संकलन में विश्वविद्यालय द्वारा हिन्दी में आयोजित सेमिनार शृंखला ''शिक्षा के सरोकार'' के पहले सेमिनार में प्रस्तुत कुछ आलेखों को संकलित किया गया है।
यह संकलन ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे शिक्षाकर्मियों तथा विश्वविद्यालय व अन्य संस्थानों में शोध एवं अध्ययन कर रहे अध्येताओं के बीच पारस्परिक संवाद का प्रतिफलन है। कोशिश है कि स्कूल से सीधे जुड़े हुए लोगों के साथ काम कर रहे कार्यकर्ता अपने प्रयासों को दर्ज करें, अपने अनभवों पर मनन व चिन्तन करें तथा उन्हें ज़्यादा बारीक़ी से और व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखें। अपने अनुभव का विश्लेषण कर वे अपनी सीख व समझ औरों के सामने रखें ताकि उस पर व्यापक चर्चा हो सके। सेमिनार और प्रकाशन की इस पहलक़दमी का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में नये अनुभवों से गुज़र रहे लोगों की अभिव्यक्तियों और संवेदनशीलताओं को शामिल करने के लिए एक बड़ा मंच प्रदान करना है।
संकलन में शामिल लेख अ यापक शिक्षा के अलग-अलग पक्षों को उजागर करते हैं। मसलन शिक्षक बनाने के लिए किस प्रकार की आरम्भिक तैयारी अपेक्षित है, कुशल शिक्षण के लिए किस प्रकार की नियमित तैयारी की ज़रूरत है, शिक्षकों के लगातार क्षमतावर्द्धन के लिए किस प्रकार के प्रयासों की आवश्यकता है, इस दिशा में चल रहे प्रयासों के सामने किस प्रकार की चुनौतियाँ हैं आदि। संकलन में शामिल ज़्यादातर आलेखों में ठोस अनुभवों के आधार पर इन मुद्दों पर विचार करने की कोशिश है।
- अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय पिक्सल पार्क बी ब्लॉक, पी.ई.एस. कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग कैम्पस, इलेक्ट्रॉनिक सिटी, बेंगलूरु-560 100