Publisher:
Vani Prakashan

आलोचना और आलोचना

In stock
Only %1 left
SKU
Alochna Aur Alochna
Rating:
0%
As low as ₹240.00 Regular Price ₹300.00
Save 20%

आलोचना और आलोचना - जब तक नये-नये साहित्यिक आन्दोलनों के केन्द्र के रूप में दिल्ली का अभ्युदय नहीं हुआ था। उस ज़माने में अर्थात 50-60 के दशक में इलाहाबाद, लखनऊ, बनारस और कानपुर ही नई कविता, नई कहानी और नई समीक्षा के क्षेत्र में सक्रिय युवा रचनाकर्मियों की साहित्यिक चहल-पहल, उठा-पटक और वाद-विवाद के केन्द्र थे। इनके साथ-साथ ग्वालियर, जयपुर, हैदराबाद, कलकत्ता, भोपाल, जबलपुर, पटना और चण्डीगढ़ भी नये केन्द्रों के रूप में उभरने लगे थे। संगोष्ठियों और पत्राचार के माध्यम से प्रायः सभी महत्वपूर्ण साहित्यकारों से देवीशंकर अवस्थी का सम्पर्क कायम हो चुका था। प्रगतिशील लेखक संघ और परिमल के बीच की होड़ और द्वन्द्व में वे अपना अलग रास्ता तलाश रहे थे । यद्यपि उनका लेखन छात्र-जीवन में ही अर्थात '50 के आस-पास शुरू हो गया था; पर '54 में जब वे डी.ए.वी. कॉलेज में प्राध्यापक नियुक्त हुए, तभी से व्यवस्थित लेखन और साहित्यिक-वैचारिक बहस में हस्तक्षेप का एक नियमित सिलसिला शुरू हो सका । '56 में कमलेश जी उनका विवाह हुआ। तब से वे उनकी साहित्यिक गहमा-गहमी और व्यस्तता की साक्षी रहीं। कानपुर के मेस्टन रोड स्थित शर्मा रेस्त्राँ और भारत रेस्त्राँ में साहित्यिक मित्रों के साथ गरमा-गरम बहस की किसी बड़ी संगोष्ठी से जब वे लौटते तो और अधिक उत्साह के साथ लिखने-पढ़ने में जुट जाते। ये रचनाएँ उसी माहौल के बीच लिखी गयी थीं। नवलेखन के उस दौर का मिज़ाज और तेवर इनमें साफ़-साफ़ झलकता है।

ISBN
Alochna Aur Alochna
Publisher:
Vani Prakashan
More Information
Publication Vani Prakashan
देवीशंकर अवस्थी (Devishankar Awasthi)

"देवीशंकर अवस्थी (1930-1966) - जन्म : 5 अप्रैल, 1930, सथनी बालाखेड़ा, ज़िला उन्नाव, उत्तर प्रदेश । शिक्षा : रायबरेली और कानपुर; 1960 में आगरा विश्वविद्यालय से आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के निर्देशन में पीएच.डी. । 'यों लॉ की डिग्री' भी ली थी। कार्यक्षेत्र : अध्यापन : 1953 से 1961 तक डी.ए.वी. कॉलेज, कानपुर, 1961 से जनवरी 1966 (मृत्युपर्यन्त) दिल्ली विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग से सम्बद्ध । रचनाएँ : मौलिक : आलोचना और आलोचना, रचना और आलोचना, अठारहवीं शताब्दी के ब्रजभाषा काव्य में प्रेमाभक्ति, रचना का समकाल। सम्पादित : कविताएँ : 1954, विवेक के रंग, नयी कहानी : सन्दर्भ और प्रकृति, साहित्य विधाओं की प्रकृति, कहानी विविधा, सम्पादित पत्रिका : कलजुग । स्मृति-शेष : 13 जनवरी, 1966 (सड़क दुर्घटना में) ।"

Write Your Own Review
You're reviewing:आलोचना और आलोचना
Your Rating
कॉपीराइट © 2025 वाणी प्रकाशन पुस्तकें। सर्वाधिकार सुरक्षित।

डिज़ाइन और विकास: Octagon Technologies LLP