Publisher:
Bharatiya Jnanpith

अमेरिका और यूरोप में एक भारतीय मन

In stock
Only %1 left
SKU
America Aur Europe Mein Ek Bharatiya Man
Rating:
0%
As low as ₹114.00 Regular Price ₹120.00
Save 5%
"अमेरिका और यूरोप में एक भारतीय मन - हिन्दी के प्रख्यात लेखक एवं आलोचक प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की प्रस्तुत कृति एक मनोरम यात्रावृत्त के साथ-साथ गम्भीर चिन्तन-विश्लेषण भी है। इन संस्मरणों का लेखक अमेरिका और यूरोप की धरती पर अपने स्वदेशी संस्कारों, विचारों और भारतीय मन के साथ भ्रमण करता है और एक भिन्न संसार को वह अपने मनोलोक की सीमाओं में देखता तथा अपने परिवेश से उसकी तुलना भी करता चलता है। यूरोप और भारत दोनों भिन्न लोक हैं। प्रकृति और परिवेश में ही नहीं, अपनी मानसिकता और जीवन व्यवहार में भी। दोनों की भिन्नता का मूल आधार दोनों की अलग-अलग जीवन-दृष्टियाँ हैं, लेखक ने इनका प्रसंगानुसार विश्लेषण इस पुस्तक में किया है। इस यात्रावृत्त में कल्पना की हवाई उड़ान और शिल्प की पेचदार बुनावट नहीं है, बल्कि इसमें जीवन की वास्तविक धड़कन और सहज लय देखी जा सकती है। इस सन्दर्भ में उन्होंने राहुल सांकृत्यायन के यात्रावृत्त को अपना आदर्श माना है। पठनीयता तो इनमें है ही, सूचनात्मक और विचारोत्तेजक सामग्री भी ऐसी है जो हमें उद्वेलित ही नहीं, यूरोप को एक नये कोण से देखने और सोचने को विवश भी करती है। एक संवेदनशील रचनाकार द्वारा लिखे गये ये संस्मरण निश्चय ही हिन्दी के जिज्ञासु पाठकों के चित्त और तार्किक मन को सन्तुष्ट करेंगे। "
ISBN
America Aur Europe Mein Ek Bharatiya Man
Publisher:
Bharatiya Jnanpith
More Information
Publication Bharatiya Jnanpith
विश्वनाथ प्रसाद तिवारी (Vishwanath Prasad Tiwari)

"विश्वनाथ प्रसाद तिवारी - जन्म: 20 जून, 1940 को रायपुर भैंसही-भेड़िहारी, कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) में। गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के आचार्य एवं अध्यक्ष पद से वर्ष 2001 में सेवानिवृत्त। सम्प्रति साहित्य अकादेमी, नयी दिल्ली के उपाध्यक्ष। रचना और आलोचना की विशिष्ट पत्रिका 'दस्तावेज़' का वर्ष 1978 से निरन्तर सम्पादन। कविता, आलोचना, संस्मरण, यात्रा आदि की लगभग पच्चीस पुस्तकें प्रकाशित। इनके अतिरिक्त लगभग एक दर्जन पुस्तकों का सम्पादन। प्रमुख रचनाओं के उर्दू, गुजराती, पंजाबी, मलयालम,बांग्ला, तेलुगु, कन्नड़, नेपाली, अंग्रेज़ी, रूसी आदि अनेक देशी-विदेशी भाषाओं में अनुवाद। पुरस्कार/सम्मान: काव्य संग्रह 'फिर भी कुछ रह जायेगा' को के. के. बिड़ला फ़ाउंडेशन का व्यास सम्मान (2010)। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का 'हिन्दी गौरव' और 'साहित्य भूषण' सम्मान। 'दस्तावेज़' पत्रिका को इसी संस्थान द्वारा दो बार 'सरस्वती सम्मान'। उत्तर प्रदेश सरकार का 'शिक्षक श्री' सम्मान। इंगलैंड, मॉरिशस, रूस, अमेरिका, चीन, कनाडा, नीदरलैंड, जर्मनी, फ्रांस, लक्ज़मबर्ग, बेल्जियम, थाइलैंड और नेपाल की साहित्यिक यात्राएँ। "

Write Your Own Review
You're reviewing:अमेरिका और यूरोप में एक भारतीय मन
Your Rating
कॉपीराइट © 2025 वाणी प्रकाशन पुस्तकें। सर्वाधिकार सुरक्षित।

Design & Developed by: https://octagontechs.com/