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अनामा

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तुमने ठीक कहा कि बनारस किसी नये व्यक्ति के लिए एक कैलाइडोस्कोप है। यह आप पर धीरे-धीरे खुलता है। बनारस को वन गो में नहीं महसूस किया जा सकता। यहाँ के जीवन का सुरताल देर से समझ आता है। तुम सच थीं, वाराणसी एक जादुई शहर है, जिसमें मैंने मृत्यु और जीवन को उसके सूक्ष्मतम और विरोधाभासी रूप में देखा है। प्रकाश और अन्धकार का शहर, भगवा चोलों और रंगीन साड़ियों का शहर, नगाड़ों और अजानों का शहर, ऊँची उड़ती पतंगों का और सड़क पर लेटी भैंसों का शहर, रिक्शों की घंटियों और सितार की तान का शहर, उबलती चाय और गरम जलेबियों का शहर, इस शहर से लगाव कर पाने में मुझे वक्त लगा, क्योंकि एक सच्चा लगाव, बहुत से गुस्से, खीज, निराशा-हताशा के पलों से लड़ने, उबरने के बाद ही जन्मता है, यह शहर अब भी चुनौती है। फिर भी यह सच है कि यहाँ आकर लगा नलिनी कि क्षणभंगुरता क्या है और जीवन का सार दरअसल क्या है? मुझे हैरानी हुई जीवन को तो यहाँ के लोग फूंक पर रखते ही हैं, हर समय उत्सव के नशे में रहते हैं, जेब में कानी कौड़ी भी न हो तब भी! मगर मृत्यु को भी यहाँ कितने हलके से लेते हैं लोग...जैसे मृत्यु भी एक उत्सव हो। मैंने माँ की उत्सवधर्मी स्मृतियों को सहेज लिया और ग्लानि का तर्पण कर दिया है। ('अनामा' कहानी से)

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मनीषा कुलश्रेष्ठ (Manisha Kulshreshtha)

मनीषा कुलश्रेष्ठ

जन्म : 26 अगस्त, 1967; जोधपुर।

शिक्षा : बी.एससी., एम.ए. (हिन्दी साहित्य), एम.फ़ि‍ल्. विशारद (कथक)।

प्रकाशित कृतियाँ : कहानी-संग्रह—‘कठपुतलियाँ’, ‘कुछ भी तो रूमानी नहीं’, ‘केयर ऑफ़ स्वात घाटी’, ‘गन्धर्व-गाथा’, ‘बौनी होती परछाईं’; उपन्यास—‘शिगाफ़’, ֹ‘शालभंजिका’, ‘स्‍वप्‍नपाश’।

अनुवाद : माया एंजलू की आत्मकथा ‘वाय केज्ड बर्ड सिंग’ के अंश, लातिन अमरीकी लेखक मामाडे के उपन्यास ‘हाउस मेड ऑफ़ डॉन’ के अंश, बोर्हेस की कहानियों का अनुवाद।

सम्मान : ‘बिहारी पुरस्‍कार’, ‘चन्द्रदेव शर्मा सम्मान’, ‘रांगेय राघव पुरस्कार’ (राजस्थान साहित्य अकादेमी); ‘कृष्ण बलदेव वैद फ़ेलोशिप’; ‘कृष्‍णप्रताप कथा सम्‍मान'; ‘डॉ. घासीराम वर्मा सम्मान’; ‘लमही सम्‍मान’।

बहुचर्चित उपन्यास ‘शिगाफ़’ का हायडलबर्ग (जर्मनी) के साउथ एशियन मॉडर्न लैंग्वेजेज़ सेंटर में वाचन।

विशेष : ‘विश्‍व हिन्‍दी सम्‍मेलन—2012’, जोहान्‍सबर्ग में शामिल।

सम्प्रति : स्वतंत्र लेखन और इंटरनेट की पहली हिन्दी वेबपत्रिका ‘हिन्दीनेस्ट’ का ग्यारह वर्षों से सम्पादन। ‘हिन्दीनेस्ट’ के अलावा, वर्धा विश्वविद्यालय की वेबसाइट ‘हिन्दी समय डॉट कॉम’ का निर्माण, ‘संगमन’ की वेबसाइट ‘संगमन डॉट कॉम’ का निर्माण व देखरेख।

ई-मेल : manishakuls@gmail.com

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