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Artificial Intelligence : Ek Adhyayan

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"आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस : एक अध्ययन - मानव जीवन को एक जटिल भविष्य की तरफ़ ले जाने वाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता, विशेषकर मशीन इंटेलिजेंस के माध्यम से अन्तर्निहित इन्फेरेंस इंजनों से युक्त विशेषज्ञ प्रणालियों द्वारा जनित तीव्र एवं अप्रतिरोध्य परिवर्तनों ने मानव बुद्धि की अनन्त क्षमता को उजागर किया है। एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) द्वारा प्रदत्त शक्तियों से अधिकतर अनभिज्ञ लोग मूक बने हुए हैं, और जानकार लोग कुछ हद तक विवरणों से जूझ रहे हैं। विशेषज्ञों के साथ-साथ समाज के संरक्षक एआई के सर्वव्यापी अनुप्रयोगों से सम्बन्धित नैतिक मुद्दों को लेकर थोड़े चिन्तित हैं। यह पुस्तक एआई सम्बन्धी विचारों और अवधारणाओं में स्पष्टता, समझ को आसान बनाने के लिए प्रस्तुति में सरलता और सटीकता के मानदण्डों के कारण उपरोक्त तीनों वर्गों के पाठकों की आवश्यकता को पूरा करने का प्रयास करती है। वास्तव में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास का सन्देश देने के इस सामयिक उद्यम के लिए लेखक प्रशंसा के पात्र हैं, जिसे बड़े पैमाने पर पाठकों द्वारा पसन्द किया जायेगा। ज्ञान की खोज को अधिक बढ़ावा दिया जाना चाहिए और विषय के सम्पूर्ण कवरेज के लिए कोई दावा नहीं होना चाहिए, यही बात डॉ. शर्मा के मन में है, और यह पुस्तक इसका प्रमाण। -प्रो. एस.पी. मुखर्जी सेंटेनरी प्रोफ़ेसर सांख्यिकी विभाग, कलकत्ता विश्वविद्यालय "
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डॉ. सुनील कुमार शर्मा (Dr. Sunil Kumar Sharma)

डॉ. सुनील कुमार शर्मा उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर से ताल्लुक़ रखते हैं। वह हिन्दी भाषा के कवि एवं ग़ज़लकार के रूप में प्रसिद्ध हैं। वर्तमान में कोलकाता में निवास करते हुए अपनी लेखनी के माध्यम से तकनीकी क्षेत्र में हो रहे विकास को हिन्दी में लाने का महती प्रयास कर रहे हैं। उनकी पहचान एक साहित्यिक मानस और गम्भीर शोधकर्ता के रूप में है। उनका रचनात्मक तकनीकी विषयों सम्बन्धी लेखन हिन्दी साहित्य-समाज को समृद्ध करता है। उनके अवदान को हिन्दी भाषा क्षेत्र की विभिन्न संस्थाओं ने महत्त्व दिया है। उनको भारत सरकार, मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मलेन, शिया कॉलेज एवं ट्रस्ट तथा अन्य साहित्यिक एवं तकनीकी संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत किया गया है। हिन्दी काव्य की संवेदना-संसार में वह अपनी कविता की किताब ‘हद या अनहद’ से एक काव्यात्मक उपस्थिति रखते हैं। शोधपरक और तकनीकी क्षेत्र में उनहोंने ‘उद्योग 4.0’, ‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस : एक अध्ययन’, ‘चैट जीपीटी : एक अध्ययन’ जैसे नवीन विषयों पर हिन्दी भाषा में किताबें लिखी हैं।

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