Publisher:
Bharatiya Jnanpith

और और अपना

In stock
Only %1 left
SKU
Aur Aur Apna
Rating:
0%
As low as ₹240.00 Regular Price ₹300.00
Save 20%

और और अपना
मुनिश्री क्षमासागर की कविताओं को बिना पढ़े सोचा जा सकता है कि ये दिगम्बर, वीतराग मुनि की संदेशबहुल नीति-कथाएँ होंगी, जिनमें सांसारिक जीवन की आसक्तियों/विसक्तियों को रेखांकित किया गया होगा, पर ऐसा कतई नहीं है। इनमें वे अपनी आकांक्षाओं और सपनों के शेष से साक्षात्कार की मुद्रा में उपस्थित हैं। ये ऐसे संवेदनशील कवि की भाषिक संरचनाएँ हैं, जो अनुभव संपन्न और विचारप्रवण तो है ही और वह निर्लिप्त भावुकतावश अपने विचारोद्वेलन की अनुगूँज यहाँ-वहाँ, जहाँ-तहाँ, कहीं भी और किसी भी बहाने सुन सकता है। इसलिए इन कविताओं में चिड़िया, नदी, समुद्र, सूरज, वृक्ष बार-बार आते हैं, जिनसे बतियाते हुए कवि अपने मन को खोलता और कभी उनके मुख से बोलता मिलता है। ये कविताएँ सरल हैं, पर सरलता गहरी है। ये कविताएँ सहज हैं, पर सहजता निर्मम है। ये परोक्ष में सन्देश भी कह जाती हैं, पर अपमान नहीं करतीं। इनमें कवि की सूक्ष्म अन्तदृष्टि समकालीन जीवन-स्थितियों से निराक्रोश मुठभेड़ करती है।
- डॉ. सरोज कुमार, इंदौर

ISBN
Aur Aur Apna
Publisher:
Bharatiya Jnanpith
More Information
Publication Bharatiya Jnanpith
मुनि क्षमासागर (Muni Kshamasagar)

मुनि क्षमासागर श्रेष्ठ सन्त, मनीषी कवि, प्रवचन में अपूर्व वाग्मिता, चिन्तक, विज्ञानविद्। जन्म : 20 सितम्बर, 1957; सागर (म.प्र.) शिक्षा : एम.टेक., सागर विश्वविद्यालय! पूर्वनाम : सिंघई, वीरेन्द्र कुमार प्रमुख कृतियाँ : 'पगडंडी सूरज तक', 'अपना घर’, ‘मुक्ति’ और ‘मैं तुम्हारा हूँ’ (कविता-संग्रह); 'एकीभाव स्तोत्र (अनुवाद); ‘अमू्र्त शिल्पी’ और ‘आत्मान्वेषी' (संस्मरण); 'जनदर्शन पारिभाषिक कोश’ (संकलन) तथा 'गुरुवाणी' (प्रवचन संग्रह)। निधन : 13 मार्च, 2015

Write Your Own Review
You're reviewing:और और अपना
Your Rating
कॉपीराइट © 2025 वाणी प्रकाशन पुस्तकें। सर्वाधिकार सुरक्षित।

डिज़ाइन और विकास: Octagon Technologies LLP