Publisher:
Vani Prakashan

बारिश, ईश्वर और मृत्यु

In stock
Only %1 left
SKU
Baarish, Eshwar Aur Mrityu
Rating:
0%
As low as ₹142.50 Regular Price ₹150.00
Save 5%
बारिश, ईश्वर और मृत्यु - 
स्कूल की टेरेस पर अपनी उन चिट्टियों को फाड़ते हुए मैं उस व्यक्ति को याद करता रहा था जिससे मैंने कितना कुछ पाया था और जिसके साथ मैंने कुछ पुरानी और पवित्र चीज़ों को पहचाना था। प्रेम और उसकी पीड़ा को मैं कभी पहचान ही नहीं पाता अगर मैंने उस प्रवास के कुछ दिन उनके साथ न बिताये होते।
(सुबह) कहीं कोई आदमी किसी लड़की की लिखी गयी चिट्ठियों को जलाता है और कहीं कोई औरत अपने घर की छत पर खड़े होकर जलती चिट्ठियों से उठती जाग और धुएँ को देखती रहती है। इस तरह पुराने प्रेम की पीड़ा परछाइयाँ और पछतावे बीच-बीच में लोगों को छेड़ते रहते हैं, घेरते रहते हैं। - (एक नीरस कविता)
सदियाँ बीत जाती हैं। समय कितने निराले, लापरवाह और चुपचाप ढंग से बढ़ता चला जाता है। जिस पर बीतती है, वही जानता है और दूसरे के लिए कभी भी उसका कोई महत्व नहीं रहता। समय हर आदमी के जीवन में अपने ढंग से बनता, उतरता और गुज़रता है। इसीलिए यह भी कहा जा सकता है कि हर आदमी का अपना समय होता है। केवल उसका अपना और अकेला समय। -(दूसरा प्रेम)
और उसके जाने के बाद मैं सोचती रही कि अगर वह मेरे जीवन में नहीं आता तब मेरे साथ क्या-क्या नहीं होता, मैं किन अभावों के बीच जीती कितनी-कितनी बातों को महसूस न कर पाती। इस तरह सोचते चले जाने का सिलसिला लम्बा भी था और दिलचस्प भी। जो लोग हमारे जीवन से जुड़ जाते हैं, उनके न जुड़ने के बारे में सोचना अपने आपको ख़ाली होते हुए देखना है, अपने आपको आधा-अधूरा पाना है। (मुरमुंडा)
घनघोर बारिश के उन दिनों में न जाने क्यों ऐसा लगता था कि मृत्यु बारिश की वजह से ही कहीं खड़ी हो जायेगी और मीरा तक आने के अपने संकल्प को भूल जायेगी। तब तक मृत्यु के अपने संकल्प का मुझे पता ही क्या था? मीरा का जीवन समाप्त हुआ और तब ही मेरा जीवन भी शुरू हुआ। उसके नहीं रहने पर, मैंने उसके होने को जीना शुरू किया।
ISBN
Baarish, Eshwar Aur Mrityu
Publisher:
Vani Prakashan
More Information
Publication Vani Prakashan
जयशंकर (Jaishankar)

जयशंकर

जयशंकर का जन्म 25 दिसम्बर, 1959 को नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ। नागपुर विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में एम.ए. किया। भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत रहे फिर वहाँ से ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ली।

उनकी प्रकाशित रचनाएँ हैं—शोकगीत, मरुस्थल, लाल दीवारों का मकान, बारिश, ईश्वर और मृत्यु, चेम्बर म्यूज़िक, बचपन की बारिश, प्रतिनिधि कहानियाँ (कहानी-संग्रह); गोधूलि की इबारतें (कथेतर गद्य)। जयशंकर की कहानियों के अनुवाद मराठी, बांग्ला, मलयालम, अंग्रेज़ी और पोलिश में प्रकाशित हुए हैं।

उन्हें ‘विजय वर्मा कथा सम्मान’, ‘श्रीकांत वर्मा स्मृति पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है।

ई-मेल : jayshankar58@gmail.com

Write Your Own Review
You're reviewing:बारिश, ईश्वर और मृत्यु
Your Rating
कॉपीराइट © 2025 वाणी प्रकाशन पुस्तकें। सर्वाधिकार सुरक्षित।

Design & Developed by: https://octagontechs.com/