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Bharatiya Jnanpith

बाजे पायलिया के घुँघरू

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9788126330775
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"बाजे पायलिया के घुँघरू - इस पुस्तक में आप ऐसा साहित्य पायेंगे, जिसमें हमारे राष्ट्रीय गुणों का प्रदर्शन एवं पोषण दोनों हैं, और वह भी किसी सूखे उपदेश या प्रवचन के रूप में नहीं। इस पुस्तक में आप एक जीवन्त और धड़कते हृदय के मित्र को पायेंगे, जो सदा आपको आनन्द दे, राह दिखाये। इस पुस्तक को पढ़कर आपको पता चलेगा कि पुस्तकों से जीवन को बदलने का क्या अर्थ है; क्योंकि आप ख़ुद अपने में परिवर्तन पायेंगे। "
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9788126330775
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Bharatiya Jnanpith
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Publication Bharatiya Jnanpith
कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर (Kanhaiya Lal Mishr Prabhakar )

"कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर' - सहारनपुर ज़िले के देवबन्द क़स्बे में 29 मई, 1906 को जनमे प्रभाकर जी राष्ट्र-चिन्तक तो थे ही, हिन्दी के महान गद्य-लेखक और पत्रकार भी थे। उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं—'ज़िन्दगी मुसकरायी', 'माटी हो गयी सोना', 'महके आँगन चहके द्वार', 'आकाश के तारे धरती के फूल', 'दीप जले शंख बजे', 'क्षण बोले कण मुसकाये', 'बाजे पायलिया के घुँघरू', 'ज़िन्दगी लहलहायी' और 'कारवाँ आगे बढ़े'। सभी कृतियाँ ज्ञानपीठ से प्रकाशित। "

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