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Bangladesh Mein Hindu Sanhaar

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बांग्लादेश में एक ऐसा अल्पसंख्यक समुदाय होने के नाते जिसकी भाषा और धर्म वही है, जोकि पश्चिम बंगाल की भारतीय आबादियों की है, हिन्दुओं के साथ बांग्लादेश में भेदभावपूर्ण व्यवहार किया गया है और साथ ही वहाँ के मुसलमानों द्वारा उन पर हमले किये गये हैं। आज़ादी के बाद से बांग्लादेश की किसी भी सरकार द्वारा राजनीतिक ख़तरों के चलते जिनमें इस समय किये जा रहे हमले भी शामिल हैं हिन्दुओं को बचाने के लिए कोई निर्णायक क़दम नहीं उठाए गए हैं। उदाहरण के लिए बांग्लादेश की सरकारों ने अभी तक निहित सम्पत्ति अधिनियम को रद्द नहीं किया है जिसके अन्तर्गत भारत और पाकिस्तान को उन लोगों की सम्पत्ति को ज़ब्त करने की अनुमति प्रदान की गयी थी जो 1965 के युद्ध के दौरान तक दूसरे की सीमाओं के पार चले गये थे। भारत ने युद्ध समाप्त होने के फौरन बाद ही इसे रद्द कर दिया था। पाकिस्तान ने इसे बना रखा और बांग्लादेश ने भी जो कि पहले पूर्वी पाकिस्तान था। बांग्लादेश में रहने वाले लगभग सभी हिन्दू इस अधिनियम से प्रभावित हुये हैं, क्योंकि कई मौक़ों पर लगभग दस लाख हेक्टेयर भूमि हिन्दुओं से केवल इस आरोप पर छीन ली गई है कि उन्होंने देश छोड़ दिया था। इससे हिन्दुओं का मनोबल गिरा है और उनकी आर्थिक हानि हुई है, जिसके कारण वे देश छोड़ने पर मजबूर हुए हैं।

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सलाम आज़ाद (Salam Azad)

सलाम आज़ाद

जन्म : 10 जुलाई, 1964 को बांग्लादेश के विक्रमपुर ज़िले के दामला गाँव में।

शिक्षा : सर जे.सी. बोस इंस्टीट्यूशन के मेधावी छात्र रहे। बाद में गाइबाँधा गवर्नमेंट कॉलेज और ढाका विश्वविद्यालय में पढ़ाई-लिखाई की।

कुछ समय तक पत्रकारिता करने के बाद सम्प्रति बांग्लादेश की एक ग़ैर-सरकारी संस्था ‘एमिटी फ़ॉर पीस’ में कार्यरत।

प्रमुख कृतियाँ : बांग्ला में—‘विज्ञानी जगदीश चन्द्र बसु : जीवन ओ गवेषणा’, ‘रवीन्द्रनाथ जे भावे लिखतेन जेमन करे लिखतेन’, ‘देश त्याग : साम्प्रतिक भावना’, ‘महापुरुष विशुद्धानन्द महाथेरो’, ‘रवीन्द्रनाथ के लेखा जगदीश चन्द्र बसु पत्रावली’, ‘श्वेतपत्र’, ‘विश्वकविर सोनार बांग्ला’, ‘शान्तिवाहिनी ओ शान्ति चुक्ति’, ‘पार्वत्य चट्टग्राम प्रसंग’, ‘चुक्ति उत्तर पार्वत्य चट्टग्राम ओ आदिवासी प्रसंग’, ‘नजरुल स्मारक ग्रन्थ’, ‘जीवनानन्द दास स्मारक ग्रन्थ’, ‘बांग्लादेशेर बिपन्न संखालघु’, ‘बंगबन्धु जेनेभा ओ अन्यान्य’, ‘अन्नदा शंकर राय बांग्लादेश ओ बंगबंधु’, ‘आदिवासीदेर भाषा’, ‘मानवाधिकार प्रसंगे रवीन्द्रनाथ’, ‘रवीन्द्र भुवने बंगलादेश’, ‘तसलीमा नसरीन ओ अन्यान्य’, ‘बांगलादेशेर आदिवासी अस्तित्वेर संकट’, ‘बंगलादेशे मदरसा शिक्षा’; अंग्रेज़ी में—‘एट्रोसिटीज़ ऑन द माइनोरिटीज़ इन बंगलादेश’, ‘कंट्रीब्यूशन ऑफ़ इंडिया इन द वार ऑफ़ लेबरेशन ऑफ़ बंगलादेश’।

हिन्दी में अनूदित—‘बांग्लादेश से क्यों भाग रहे हैं हिन्दू’, ‘शर्मनाक’, ‘देश-विभाजन की कहानियाँ’, ‘टूटा मठ’, ‘बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार’, ‘कल्पना चकमा’, ‘नो-मैन्स लैंड’, ‘बांग्लादेश के पीड़ित अल्पसंख्यक’, ‘युद्ध शिशु’।

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