Bharat Ki Bhashayen
भारत की भाषाएँ -
विख्यात भाषाविज्ञानी राजमल बोरा की यह पुस्तक भारतीय भाषाविज्ञान के क्षेत्र में एक अनोखी कृति है। भारत की प्रायः सभी महत्त्वपूर्ण भाषाओं का विवेचन करनेवाली यह एकमात्र पुस्तक है, जिसमें उनके भूगोल को भी रेखांकित किया गया है। इस पुस्तक की एक और विशेषता यह है कि इस विवेचन में दक्षिण भारत को द्रविड़ परिवार के भौगोलिक क्षेत्र को केन्द्र - मानकर अन्य भाषाओं का विवेचन किया गया है। आर्य परिवार और द्रविड़ परिवार, ये दोनों ही परिवार आधुनिक भाषाविज्ञान की देन है, लेकिन यह वर्गीकरण भौगोलिक आधार पर ही उपलब्ध है, ऐतिहासिक आधार पर इसका विवेचन नहीं मिलता। राजमल बोरा ने अपने विपुल शोध के आधार पर और भौतिक दृष्टि से इस कठिन काम को सम्पन्न करते हुए दक्षिण भारत की चारों प्रमुख भाषाओं और भारतवर्ष की आधुनिक भाषाओं पर स्वतन्त्र अध्याय लिखे हैं। भारत की भाषाओं के ऐतिहासिक विकास और अन्तःसम्बन्ध को समझने के लिए एक अनिवार्य कृति।
Publication | Vani Prakashan |
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