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भारतीय लोकनाट्य

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भारतीय लोकनाट्य -

भारतीय लोकनाट्य का संबंध इस महादेश की उस सांस्कृतिक निजता से है जो बहुरंगी होने के बावजूद भीतर से परस्पर घुली - मिली और गतिशील है। संस्कृति और लोकनाट्य की परस्परता परस्पर संवादी और विकासशील है। इसमें जनजीवन का संघर्ष और उसकी आकांक्षाएँ समाहित हैं। लोकनाट्यों को जनविश्वासों और जनरुचियों की गहरी पहचान होती है। इसके अतिरिक्त इनमें प्रभावी प्रेषणीयता और एक प्रकार का सम्मोहन भी होता है । अपनी इन्हीं विशेषताओं के द्वारा भारतीय लोकनाट्य परंपरा ने समकालीन रंगमंच को अधिक कल्पनाशील काव्यात्मक और समृद्ध बनाया है। वस्तुतः समकालीन रंगमंच के सामने सबसे बड़ी चुनौती समकालीन अर्थ को सार्थक और प्रेषणीय रूप में व्यक्त करने की है तथा इस संदर्भ में लोकनाट्यों का पूरा शिल्प उसकी महत्त्वपूर्ण मदद करता है। अतः लोकनाट्यों को समझना न केवल इस देश की सांस्कृतिक निजता, वैविध्य और एकात्मकता को जानने के लिए जरूरी है बल्कि संस्कृति कर्म के लिए पूरी तरह से प्रतिकूल हो चले इस उत्तर औपनिवेशिक दौर में कला, संस्कृति और रंगमंच को अधिक सक्षम, गतिशील और लोकप्रिय बनाने के लिए भी जरूरी है। भारतीय लोकनाट्य रूपों के स्वरूप और संघर्ष को उसकी ऐतिहासिक प्रक्रिया में समझने के उद्यम से जुड़ी यह पुस्तक इस दिशा में एक जरूरी पहल है।

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9788170557081
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डॉ. वशिष्ठ नारायण त्रिपाठी (Dr. Vashishtha Narayan Tripathi)

"वशिष्ठ नारायण त्रिपाठी 25 सितम्बर 1954 को सुलतानपुर उत्तर-प्रदेश में जन्म। प्राथमिक पाठशाला से लेकर बी.ए. (1972) तक की शिक्षा सुलतानपुर नगर में। एल.एल.बी. (1975), एम.ए. (1980) एवं पी-एच. डी. (1983) काशी हिंदू विश्वविद्यालय से किया। लगभग 16 वर्ष से उच्चस्तरीय शोध एवं अध्यापन में संलग्न। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नयी दिल्ली द्वारा प्रदत्त तीन महत्त्वाकांक्षी शोध परियोजनाओं पर कार्य करते हुए उन्हें पूरा किया। इस समय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रदत्त 'भारतीय रंगमंच का इतिहास' शीर्षक शोध परियोजना पर कार्यरत । 'नाटक के रंगमंचीय प्रतिमान' (1991) एवं 'रस और रसपरम्परा' (1993) पुस्तकें प्रकाशित । छायानट, नाट्यम्, प्रज्ञा आदि अनेक प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में रंगमंच संबंधी आलेख प्रकाशित। अनेक राष्ट्रीय संगोष्ठियों में सहभागिता की एवं शोध- प्रपत्र प्रस्तुत किया। सम्प्रति हिंदी विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय में रिसर्च साइंटिस्ट 'सी' [प्रोफेसर] के रूप में कार्यरत। संपर्क : जी-25 अरबिंदो कालोनी, विश्वविद्यालय परिसर, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी-221005"

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