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Bharatiya Jnanpith

बूढ़ा चाँद

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बूढ़ा चाँद - 
'बूढ़ा चाँद' संग्रह में 14 कहानियाँ शामिल हैं और सभी अपने तत्व में उत्सुकता का समावेश करती हैं। 
इन कहानियों की ख़ास सिफ़त यह है कि इनमें ख़ास सुघड़ नज़रिये से दुनिया को नापने का इरादा नहीं है। लेखिका में एक बच्ची की-सी उत्सुकता और हैरानी है। इन कहानियों में लेखिका एक साथ बालिका, किशोरी और युवती के रूप में मौजूद हैं।
संग्रह की सबसे लम्बी कहानी 'बूढा चाँद' एक ऐसी ही कहानी है जिसमें एक बालिका विश्वकवि रवीन्द्रनाथ ठाकुर को अपना मित्र बनाकर उनसे बतियाती रहती है। यह बातचीत एक बालिका के अन्तर्मन और बाह्य जगत के बीच एक पुल बनाने की कोशिश भरी अनूठी कहानी है।
शर्मिला की अधिकतर कहानियाँ छोटी-छोटी घटनाओं से बुनी गयी हैं। 'मॉल मून' और 'कार्नसूप' आज बड़े शहरों में पनप रही मॉल संस्कृति की ट्रैजी-कॉमिक तस्वीर पेश करती हैं।
आशा है इन कहानियों का वैविध्य पाठकों को रुचिकर लगेगा।

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Boorha Chaand
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Bharatiya Jnanpith
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शर्मिला बोहरा (Sharmila Bohra)

शर्मिला बोहरा

जन्‍म : 7 जुलाई, 1973; दरभंगा, बिहार।

शिक्षा : कलकत्ता विश्वविद्यालय से एम.ए., एम.फिल्.।

प्रमुख कृतियाँ : ‘शादी से पेशतर’ (उपन्‍यास); ‘बूढ़ा चाँद’, ‘राग-विराग और अन्‍य कहानियाँ’ (कहानी-संग्रह)।

सम्‍मान : ‘युवा पुरस्‍कार’ (भारतीय भाषा परिषद), ‘कन्‍हैयालाल सेठिया सारस्‍वत सम्‍मान’, गद्य-लेखन का प्रथम पुरस्‍कार (राजश्री स्‍मृति न्‍यास)।

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