भारत के महान विद्वानों में से एक माने जानेवाले चाणक्य कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में विश्वविख्यात थे। चाणक्य ने जो नीतियाँ और सिद्धान्त बताये हैं अगर उनपर अमल किया जाए तो इंसान का जीवन बेहतरीन बन सकता है। चाणक्य चन्द्रगुप्त मौर्य के महामन्त्री थे। वे 'कौटिल्य' नाम से भी विख्यात हैं। उन्होंने नन्दवंश का नाश करके चन्द्रगुप्त मौर्य को राजा बनाया। उनके द्वारा रचित अर्थशास्त्र, राजनीति, अर्थनीति, कृषि, समाजनीति आदि महान ग्रन्थ है। अर्थशास्त्र मौर्यकालीन भारतीय समाज का दर्पण माना जाता है। बौद्ध ग्रन्थों में भी चाणक्य का उल्लेख मिलता है। चाणक्य तक्षशिला के निवासी थे। इनके जीवन की घटनाओं का विशेष सम्बन्ध मौर्य चन्द्रगुप्त की राज्यप्राप्ति से है।
लेखिका ने बहुत ही मनोयोग से चाणक्य की जीवन कथा लिखी है।
"प्रभाकिरण जैन -
30 अक्टूबर, 1963 को हरबर्टपुर, देहरादून (उत्तराखण्ड) में जन्म।
राजनीतिशास्त्र में एम.ए., डी.फिल.।
प्रकाशन: रंग-बिरंगे बैलून (शिशु गीत); वैशाली के महावीर (बाल काव्य) ; गीत खिलौने (बाल गीत); नागफनी सदाबहार है (कविता संग्रह); दस लक्षण (दस रस वर्षण); अनाथ किसान (कहानी); कथासरिता कथासागर, गोबर बनाम गोबर्धन, जमालो का छुरा (कहानी); चहक भी ज़रूरी महक भी जरूरी (डॉ. शेरजंग गर्ग के साथ), वैशालिक की छाया में (राजेश जैन के साथ सम्पादन)।
सम्मान/पुरस्कार: हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा बाल साहित्य सम्मान और बाल एवं किशोर साहित्य सम्मान।
आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर अनेक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों की प्रस्तुति। टी.वी. द्वारा स्वरचित व्यंग्य विनोद के कार्यक्रम का धारावाहिक प्रसारण।
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