Publisher:
Bharatiya Jnanpith

दासी की दास्तान

In stock
Only %1 left
SKU
9788126318681
Rating:
0%
As low as ₹360.00 Regular Price ₹450.00
Save 20%

दासी की दास्तान - 
राजस्थानी और हिन्दी के शीर्षस्थ कथाकार विजयदान देथा (बिजी) इस व्यापक आशय में अद्वितीय हैं कि उन्होंने लोकमन के अगोचर आयतन में पैठ कर जीवन के विविध सन्दर्भों को उद्घाटित किया है। 'दासी की दास्तान' पुस्तक इस तथ्य का सार्थक प्रमाण है। इस कृति में राजस्थान के सात प्रेमाख्यानों का कथा-रस समाहित है। 'अनदेखा अन्तस', 'भरम', 'हिम समाधि', 'मरवण', 'दासी की दास्तान', 'संयोग और 'उपाय'—ये प्रेमाख्यान राजस्थान के हृदय की अक्षर अभिव्यक्ति हैं।
लोककथाएँ निरन्तर नवीन होती रहती हैं। इस नवीनता को पहचान कर और बीज को वृक्ष का स्वरूप प्रदान कर विजयदान देथा ने भारतीय कथा साहित्य को अत्यन्त समृद्ध किया है। 'दासी की दास्तान' के प्रेमाख्यान अपने विलक्षण कथा-संसार के कारण अप्रतिम कहे जा सकते हैं। लेखक ने विशेषकर स्त्रियों की आन्तरिकता, समर्पणशीलता, आत्मीयता, दृढ़ता, संकल्पशक्ति और प्रेमपरक ऊर्जा आदि विरल गुणों को अपनी लेखनी के संस्पर्श से अनन्य बना दिया है। पठनीयता, क़िस्सागोई, विचार-सम्पदा, भावनिधि, भाषा और शैली की दृष्टि से ये प्रेमाख्यान पाठकों के मन में स्थायी स्थान बना लेंगे।
यह कहना उपयुक्त होगा कि 'दासी की दास्तान' जीवन के अबूझ, जटिल, उज्ज्वल और जीवनेतर रहस्यों में रुचि रखने वाले सहृदय पाठकों के लिए एक सुन्दर उपहार है।

ISBN
9788126318681
Publisher:
Bharatiya Jnanpith
More Information
Publication Bharatiya Jnanpith
विजयदान देथा (Vijaydan Detha)

"विजयदान देथा - जन्म: 1 सितम्बर, 1926, बोरुन्दा, जोधपुर में। शिक्षा: जैतारण (पाली) बाड़मेर और जसवन्त कॉलेज, जयपुर में। प्रकाशन: 'वातां री फुलवाड़ी' ( 13 जिल्दों में), 'अलेखूँ हिटलर' (राजस्थानी कहानी-संग्रह), 'दुविधा व अन्य कहानियाँ', 'उलझन', 'सपनप्रिया' (कहानी-संग्रह), 'रूख' (विविधा) आदि। अनेक कहानियाँ हिन्दी, अंग्रेज़ी आदि भाषाओं में अनूदित। साहित्य अकादेमी पुरस्कार, भारतीय भाषा परिषद् पुरस्कार, नाहर पुरस्कार आदि से सम्मानित। "

Write Your Own Review
You're reviewing:दासी की दास्तान
Your Rating
कॉपीराइट © 2025 वाणी प्रकाशन पुस्तकें। सर्वाधिकार सुरक्षित।

डिज़ाइन और विकास: Octagon Technologies LLP