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दास्तान दर दास्तान

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हिन्दी के शीर्षस्थ लघुकथाकार कीर्तिकुमार सिंह के चार लघुकथा संग्रह - 'अधूरी दास्तान', 'एक टुकड़ा रोशनी', 'छोटी सी बात', 'बस इतना' प्रकाशित होकर हिन्दी साहित्य में पूरी तरह से चर्चा का विषय बन चुके हैं। 'दास्तान दर दास्तान' उनका पाँचवाँ लघुकथा संग्रह है।

इस लघुकथा संग्रह को कायदे से उनका पहला लघुकथा संग्रह भी कह सकते हैं। कीर्तिकुमार सिंह ने 1997 से लघुकथाएँ लिखनी शुरू कीं। इस संग्रह में उनकी 1997 से 2007 तक लिखी प्रारम्भिक लघुकथाएँ संकलित हैं। शुरुआत में वे बहुत मस्ती में, जिन्दादिली के साथ लघुकथाएँ लिखते थे; इस कारण इस संग्रह में सर्वत्र कथाकार का खिलंदड़पन बिखरा हुआ है।

कीर्तिकुमार सिंह समाज के भोगे जाते हुए विविध पक्षों के यथार्थ तथा अन्तर्द्वन्द्व को रचनात्मक समझ की अत्यन्त गहराई से पकड़कर उन्हें लघुकथा शिल्प विधा के रचनात्मक आवेगों से जोड़कर सहृदय पाठकों के दिल में अत्यन्त सहजता से उतारकर उन्हें हिला देते हैं। उनकी लघुकथाएँ लोकजीवन के भोगे जाते हुए परिवेश-क्षण को सामने उतारकर अपनी हलचलों से पाठकों के हृदय को हिलाकर डुलाकर उन्हें स्पन्दित करके आवेगमय बना देती हैं। लघुकथाओं की समग्र मान्यताएँ क्षण के परिवेश से जुड़कर समसामयिक यथार्थ को व्यक्त करती हैं। इनके साथ-साथ कीर्तिकुमार सिंह की लघुकथाओं की और भी बहुत सारी विशेषताएँ हैं और एक बार पुनः आप इस नये लघुकथा संग्रह में इन सारी विशेषताओं से जुड़ने का आनन्द प्राप्त करें ।

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9789387889637
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कीर्तिकुमार सिंह (Kirtikumar Singh)

कीर्तिकुमार सिंह जन्म : 19 मई 1964 को इलाहाबाद जिले के कोटवा नामक गाँव में। शिक्षा : बी.ए., एम.ए. और डी. फिल. इलाहाबाद विश्वविद्यालय से। शिक्षा में एक मेधावी छात्र के रूप में कई स्वर्ण पदक प्राप्त, जिनमें से एक स्वर्ण पदक 'संयुक्त राष्ट्र संघ' से। कविता, कहानी, लघुकथा, उपन्यास और दर्शन के क्षेत्र में सक्रिय। प्रकाशित कृतियाँ : 'उस कविता को नमस्कार करते हुए', 'कीर्तिकुमार सिंह की दार्शनिक कविताएँ', 'मन्दाकिनी घाटी', 'दिल्ली के दो-पाया कुत्ते' (कविता संग्रह); 'शिवा' (कविता-कैसेट); 'बस इतना', 'दास्तान दर दास्तान', 'दारागंज वाया कटरा', 'आप बहुत...बहुत...सुन्दर हैं', 'असाधारण प्रेम कथाएँ' (कहानी संग्रह); 'एक टुकड़ा रोशनी', 'अधूरी दास्तान', 'छोटी सी बात' (लघुकथा संग्रह); 'पुरस्कार दर्शन', 'भारतीय दर्शन में दुःख और मुक्ति' (दार्शनिक चिन्तन); उपन्यास (शीघ्र प्रकाश्य)। सम्प्रति : अध्यक्ष, दर्शन विभाग, श्यामाप्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय (इलाहाबाद विश्वविद्यालय) फाफामऊ, इलाहाबाद। सम्पर्क : 15/6, स्टैनली रोड, सिविल लाइन्स, इलाहाबाद-211001 (उत्तर प्रदेश)।

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