Publisher:
Bharatiya Jnanpith

दीपशिखा कालिदास

In stock
Only %1 left
SKU
Deepshika Kalidas
Rating:
0%
As low as ₹850.25 Regular Price ₹895.00
Save 5%

दीपशिखा कालिदास  - महाकवि कालिदास के जीवन पर आधारित दीपशिखा कालिदास उपन्यास मराठी भाषा में लिखा गया पहला उपन्यास है, जो निश्चित ही अन्य भारतीय भाषाओं में भी लक्षणीय होगा।
कवियों के कुलगुरु महाकवि कालिदास हैं। कालिदास के साहित्य के बिना भारतीय साहित्य अपूर्ण है। केवल भारतीय ही नहीं, विश्व भर का साहित्य कालिदास के बिना अपूर्ण है।
'रामायण', 'महाभारत' के बाद वैदिक संस्कृति के अधिष्ठाता महाकवि, राष्ट्रीय कवि कालिदास ही हैं।
कालिदास के साहित्य में अभिरुची-सम्पन्न, प्रगल्भ, मधुर तथा अनन्य सुन्दर भाषा का अलंकार और उपमा के साथ प्रयोग किया गया है।
श्रीमती शुभांगी भडभडे ने इस उपन्यास के लिए वेद-विद्या, शास्त्र-ज्ञान तथा जहाँ-जहाँ कालिदास ने भ्रमण किया, उस भूमि के रूप लावण्य का भी वर्णन किया है। उस समय की राजनीति, समाज व्यवस्था, उज्जयिनी नगरी की संस्कृत भाषा और कालिदास के साहित्य का गहन अध्ययन कर उन्होंने ज़रूरी चीज़ों को शामिल किया है। नवउन्मेष शालिनी सरस्वती की कण्ठमाला में एक पिरोया गया कौस्तुभ मणि हैं कालिदास।
मराठी तथा अन्य भाषा में उनके साहित्य पर बहुत कुछ किया गया है लेकिन कालिदास की जीवन-कथा इस उपन्यास में है और अपने प्रभावी रूप में है। इसलिए कह सकते हैं कि महाकवि कालिदास के जीवन पर लिखा गया यह बृहद् उपन्यास सभी साहित्य-रसिकों को ज़रूर प्रसन्नता प्रदान करेगा, ऐसा मुझे दृढ़ विश्वास है।
- देवेन्द्र फडणवीस 
पूर्व मुख्यमन्त्री, महाराष्ट्र

ISBN
Deepshika Kalidas
Publisher:
Bharatiya Jnanpith
More Information
Publication Bharatiya Jnanpith
शुभांगी भड्भड़े (Shubhangi Bhadbhade)

"शुभांगी भडभडे - जन्म: 21 दिसम्बर, 1942 ई. को मुम्बई में। शिक्षा: एम.ए. (हिन्दी साहित्य), साहित्यरत्न। प्रकाशित कृतियाँ : मराठी में तेरह चरित्रात्मक और अठारह सामाजिक उपन्यास। सात कहानी-संग्रह और बारह बालकथा संग्रह। तीन नाटक और बारह एकांकी। प्रमुख चरित्रात्मक उपन्यास हैं 'स्वामिनी' (सिद्धार्थ-यशोधरा), 'पद्मगन्धा' (दुष्यन्त-शकुन्तला), 'राजवधू' (राजरानी मीरा), 'शिवप्रिया' (शिव-पार्वती), 'भौमर्षि' (आचार्य विनोबा भावे) और 'पूर्णविराम' (श्रीकृष्ण एवं गान्धारी) । दूरदर्शन और आकाशवाणी से अनेक नाटक प्रकाशित। अनेक रचनाएँ हिन्दी, गुजराती, तेलुगु तथा अंग्रेज़ी में अनूदित एवं प्रकाशित। महाराष्ट्र साहित्य-सभा के 'काव्य पुरस्कार', विदर्भ साहित्य संघ के 'एकांकी लेखन पुरस्कार', साहित्य अकादेमी, बड़ौदा के 'काव्य पुरस्कार', अ. भा. नाट्य परिषद, मुम्बई के 'एकांकी लेखन पुरस्कार', महाराष्ट्र सरकार के 'उत्कृष्ट वाङ्मय पुरस्कार', महाराष्ट्र राज्य सैनिक कल्याण मन्त्रालय, मुम्बई के 'साहित्य गौरव' आदि से सम्मानित। "

Write Your Own Review
You're reviewing:दीपशिखा कालिदास
Your Rating
कॉपीराइट © 2025 वाणी प्रकाशन पुस्तकें। सर्वाधिकार सुरक्षित।

Design & Developed by: https://octagontechs.com/