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देहगाथा माधवी की

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देहगाथा माधवी की - 
प्रस्तुत उपन्यास पौराणिक है और राजा ययाति की पुत्री माधवी के त्रासद जीवन पर आधारित है। माधवी ने महायोद्धा और दानवीर ययाति की पुत्री होते हुए भी इतना शोषित जीवन जिया जिसने उसके देह-मन की सृष्टि को भी नष्ट कर दिया। यन्त्रणाओं के शूलों के मध्य वह जीवित रही, कदाचित यह उसके जीवन की नियति थी, दुर्भाग्य था, विवशता थी या उस काल की प्रतिष्ठा, विचारणीय है। लेखक ने इस कृति को सार्थक बनाने के लिए माधवी को एक स्त्री के रूप में उकेरा है। उसका द्वन्द्व, संघर्ष, आक्रोश, सत्यवादिता और गहन चिन्तन समकालीनता से जुड़कर अपनी उपयोगिता सिद्ध करना है।
चाहे महानगरीय जीवन हो, चाहे क़स्बाई, चाहे ऐतिहासिक परिवेश हो, चाहे पौराणिक, यादवेन्द्र शर्मा 'चन्द्र' ने हर विषय पर अपनी सशक्त क़लम चलायी है। अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हिन्दी व राजस्थानी के मूर्धन्य साहित्यकार यादवेन्द्र शर्मा 'चन्द्र' का यह उपन्यास 'देहगाथा माधवी की ' अनूठा है और पठनीय भी। समकालीन प्रश्नों को स्पर्श करता हुआ मार्मिक भी है।

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9788181432216
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Vani Prakashan
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यादवेन्द्र शर्मा ‘चन्द्र (Yadvendra Sharma 'Chandra')

यादवेन्द्र शर्मा 'चन्द्र' - 
पुरस्कार : साहित्य अकादेमी, फणीश्वरनाथ रेणु, मीरा, राजस्थान साहित्य अकादमी, राजस्थानी भाषा सा. एवं सं. अकादमी, राजस्थान पत्रिका कहानी पुरस्कार, झाबरमल्ल शर्मा सम्मान व अनेक पुरस्कार।
सम्मान : साहित्य महोपाध्याय, विद्यावाचस्पति, साहित्य श्री साहित्य मनीषी, डॉ. राहुल सांकृत्यायन, आदि अनेक सम्मान।
शोध अनेक विश्वविद्यालयों से आठ शोध व अनेक लघु शोध।
प्रमुख कृतियाँ: संन्यासी और सुन्दरी, दीया जला दीया बुझा, एक और मुख्यमंत्री, जनानी ड्योढ़ी, प्रजाराम, हजार घोड़ों का सवार, ढोलन कुंजकली, खम्मा अन्नदाता, खून का टीका, में रानी सुप्यारदे, मरुकेसरी, कुर्सी गायब हो गयी, लगभग साठ उपन्यास।
इक्यावन कहानियाँ, मेरी प्रिय कहानियाँ, चर्चित कहानियाँ, दस प्रतिनिधि कहानियाँ, तेरह कहानियाँ, विशिष्ट कहानियाँ, तपता समन्दर लगभग 17 कहानी संग्रह।
मैं अश्वत्थामा, चार अजूबे, जीमूतवाहन, चुप हो जाओ पीटर, तीन नाटक, आखिरी मंजिल, आदि नाटक। तेरा मेरा उसका सच (कविता संग्रह)।
हूँ गोरी किण पींवरी, चाँदा सेठाणी, जमारो, जोग-संजोग, समंद अर थार, राजस्थानी रचनाएँ।

गुल/बड़ी, विडम्बना, चकवे-चकवी की बात (टेलीफ़िल्में)।
- लाज राखौ राणी सती (पहली राजस्थानी रंगीन फ़िल्म)।

 

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