देवकी - लेखक जब व्यक्ति सीमा लाँघकर सार्वजनिक सत्य की तलाश करता है तब साहित्य महिमामय हो उठता है। ओड़िया लेखिका प्रतिभा राय के कथा-लेखन के सन्दर्भ में यह बात सर्वथा सही प्रतीत होती है। उनकी कहानियाँ कल्पना की कोरी क्रीड़ा या भावविलास न होकर पूर्णतः जीवनधर्मी हैं। इन्हें पढ़ते समय हमें एक हल्का सा झटका महसूस होता है—बिजली का सा झटका, जो क्षणिक होकर भी हमारे हृदय पर स्थायी प्रभाव छोड़ जाता है; हमारी चेतना की अलसायी सत्ता को झकझोर जाता है। इस संग्रह में प्रस्तुत कहानियों की विभिन्न घटनाओं से लेखिका का प्रत्यक्ष या परोक्ष सम्बन्ध रहा है। दूसरे शब्दों में, कहानियाँ उनकी अन्तरंग अनुभूतियों से जुड़ी हुई हैं। इसलिए इन कहानियों में भले ही जीवन के निष्ठुर सत्य और उससे उपजी विडम्बनाओं का चित्रण है, किन्तु शिवम् और सुन्दरम् की मनोभूमि में प्रतिबिम्बित होने के कारण वह हमें एक उदात्त एवं सुसंस्कृत दृष्टि प्रदान करता है। पाठकों को समर्पित है 'देवकी' का नवीनतम संस्करण, नये रूपाकार में नयी साज-सज्जा के साथ।
"डॉ. प्रतिभा राय -
डॉ. प्रतिभा राय ने रेवेंशा कॉलेज, कटक से विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की एवं पीएच.डी. हेतु शिक्षा शास्त्र उनके अध्ययन का क्षेत्र रहा। कई वर्षों तक रेवेंशा कॉलेज में अध्यापन। बी.जे.बी. कॉलेज में शिक्षा शास्त्र विभाग की अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। ओड़िशा लोक सेवा आयोग की सदस्य रहीं। अनेक सांस्कृतिक और सामाजिक संस्थाओं से सम्बद्ध।
प्रकाशित कृतियाँ: अब तक 20 उपन्यास और 25 कहानी-संग्रहों के साथ कविता, यात्रा-वृत्तान्त एवं निबन्ध की अनेक पुस्तकें प्रकाशित। अंग्रेज़ी, हंगेरियन एवं प्रमुख भारतीय भाषाओं में कृतियों का अनुवाद।
सम्मान/ पुरस्कार: पद्मश्री (2007), ज्ञानपीठ पुरस्कार (2011), मूर्तिदेवी पुरस्कार, साहित्य अकादेमी पुरस्कार, ओड़िशा साहित्य अकादेमी पुरस्कार, अमृत कीर्ति पुरस्कार, विषुव पुरस्कार, कथा भारती उपाधि, कथा पुरस्कार और सारला पुरस्कार।