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घासीराम कोतवाल

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'घासीराम कोतवाल' में एक ऐतिहासिक घटना के सन्दर्भ द्वारा एक काल विशेष की सामाजिक स्थिति और मूलभूत प्रश्नों को प्रस्तुत किया गया है। महाराष्ट्र में पेशवाओं के राजा नाना फड़नवीस, घासीराम कोतवाल, मराठा सरदार आदि विभिन्न सामाजिक इकाइयों के माध्यम से सामाजिक संरचना की जटिलताओं की ओर संकेत किया गया है। ये सभी इकाइयाँ अपनी तयशुदा भूमिकाओं के साथ सामाजिक व्यवस्था में प्रवाहित होती रहती हैं। यदि एक भी इकाई अपने निर्धारित मार्ग से हटती है तो व्यवस्था आन्दोलित हो उठती है। इस आलोड़न का बहुत ही रचनात्मक विवरण इस नाटक में दर्ज है। इस क्रम में रचनाकार न कोई समाधान प्रस्तुत करता है और न ही सही-गलत का कोई निर्णय देता है बल्कि सारे परिदृश्य का खाका खींच कर पाठकों को अपने अर्थ ग्रहण करने के। लिए छोड़ देता है। लोक नाट्य की शैली में लिखी यह रचना, लोक संगीत और अपने भदेस अन्दाज़ में एक दाहक परिवेश को बहुत ही रचनात्मकता से प्रस्तुत करती है।

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9789387409187
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Vani Prakashan
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विजय तेन्दुलकर (Vijay Tendulkar)

विजय तेन्दुलकर

जन्म : 6 जनवरी, 1928।

मराठी के आधुनिक नाटककारों में शीर्षस्थ विजय तेन्दुलकर अखिल भारतीय स्तर पर प्रतिष्ठित एक महत्त्वपूर्ण नाटककार थे। 50 से अधिक नाटकों के रचयिता तेन्दुलकर ने अपने कथ्य और शिल्प की नवीनता से निर्देशकों और दर्शकों, दोनों को बराबर आकर्षित किया। पूरे देश में उनके नाटकों के अनुवाद एवं मंचन हो चुके हैं। हिन्दी में उनके 30 से अधिक नाटक खेले जा चुके हैं।

‘खामोश! अदालत जारी है’, ‘घासीराम कोतवाल’, ‘सखाराम बाइंडर’, ‘जाति ही पूछो साधु की’ और ‘गिद्ध’ आदि बहुचर्चित-बहुमंचित नाटकों के अलावा उनकी प्रमुख नाट्य-रचनाएँ हैं : ‘अंजी’, ‘अमीर’, ‘कन्यादान’, ‘कमला’, ‘चार दिन’, ‘नया आदमी’, ‘बेबी’, ‘मीता की कहानी’, ‘राजा माँगे पसीना’, ‘सफ़र’, ‘नया आदमी’, ‘हत्तेरी क़िस्मत’, ‘आह’, ‘दंभद्वीप’, ‘पंछी ऐसे आते हैं’, ‘काग विद्यालय’, ‘काग़ज़ी कारतूस’, ‘नोटिस’, ‘पटेल की बेटी का ब्याह’, ‘पसीना-पसीना’, ‘महंगासुर का वध’, ‘मैं जीता मैं हारा’, ‘कुत्ते’, ‘श्रीमंत’, ‘विट्ठला' आदि।

विजय तेन्दुलकर के नाटकों में मानव जीवन की विषमताओं, स्वाभाविक व अस्वाभाविक यौन सम्बन्धों, जातिगत भेदभाव और हिंसा का यथार्थ चित्रण मिलता है। उनके अधिकांश पात्र मध्यम एवं निम्न मध्यवर्ग के होते हैं और उनके विभिन्न रंग इन नाटकों में आते हैं।

निधन : 19 मई, 2008

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