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Vani Prakashan
गोल्डन ऑवर दुर्घटना के बाद पहला घण्टा
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9788194873686
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विज्ञान अच्छा सेवक है। स्वामी के रूप में इसकी ख्याति अच्छी नहीं है। ये जानते हुए भी हम उसके ऊपर इतने निर्भर हो गये हैं कि हमारा सेवक, स्वामी बन गया है। हमारा जीवन यान्त्रिक हो गया है। यान्त्रिक जीवन में संवेदनाएँ शुष्क हो जाती हैं। सामाजिक नैतिकता निष्क्रिय हो जाती है। घायल को बचाने की बजाय बचकर निकल जाने की प्रवृत्ति आम हो जाती है। ऐसे में हम भीड़ में भी अकेले हो जाते हैं। जीवन की इस यान्त्रिकता में जीवन मूल्यों की रक्षा हेतु अन्य साहित्यिक विधाओं की तुलना में नाटक की ज़िम्मेदारी ज़्यादा बढ़ जाती है। नाटक वह विधा है जिसमें दर्शक पात्र भाव-विभोर होकर पात्र के हृदय में इस तरह बैठ जाते हैं वह ख़ुद को पात्र की जगह महसूस करने लगता है। पात्र के साथ एकाकार की अनुभूति हृदय परिवर्तन का प्रथम चरण होता है। व्यक्ति की इस सुषुप्त संवेदना को जगाने का ही साहित्यिक प्रयास है ‘गोल्डन ऑवर : दुर्घटना के बाद पहला घण्टा'।
ISBN
9788194873686
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Vani Prakashan
Publication | Vani Prakashan |
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