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Bharatiya Jnanpith

गुलमोहर के गुच्छे

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गुलमोहर के गुच्छे - 
मंजुल भगत के कहानी संग्रह में कुल 11 कथाएँ अपने रूप-रंग और भाषाई अदब में अलग ही दिखाई देती हैं। खोज, रसप्रिया, नालायक बहू, एक झुका हुआ आदमी, नागपाश और दूसरा प्यार आदि कहानियाँ मनुष्य जीवन के प्रत्येक पक्ष को जिज्ञासा, कोमलता और प्रेम की भावना के साथ प्रस्तुत करती हैं। उनकी इन सभी कहानियों की भाषा में पात्रानुकूल और क्षेत्रानुकूल संवाद पाये जाते हैं। हिन्दी, उर्दू, अंग्रेज़ी के अलावा वे राजस्थान तथा दिल्ली आदि क्षेत्र के लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा का भी प्रयोग इन्होंने अपनी कहानियों में संवाद के रूप में प्रयोग किया है जिसके कारण उनकी कहानियों में लोकजीवन की सजीवता भी आ जाती है।

ISBN
9789355185457
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Bharatiya Jnanpith
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Publication Bharatiya Jnanpith
मंजुल भगत (Manjul Bhagat )

"मंजुल भगत (22 जून 1936) - मंजुल भगत हिन्दी कथा जगत की सशक्त कहानीकार हैं। आज के समाज में बदलते रिश्तों, व्यक्तिमूल्यों एवं अन्य अनेक आधुनिक सामाजिक विषमताओं के कारण हर इन्सान कहीं-न-कहीं जूझ रहा है। इन्हीं विषमताओं को दृश्यमान करती हैं इनकी कहानियाँ। वे एक ऐसी लेखिका हैं जिनकी रचनाओं में एक ख़ास तरह की भाषाई सुन्दरता है। जिसे सहज और एकाग्र मन से ही सुना जा सकता है। उनकी कहानियाँ का पाठ करते हुए एक और बात महसूस होती है कि वे कहानी के ब्योरों में अनावश्यक भारीपन या खींचतान नहीं करतीं। जिस प्रकार की शैली का प्रयोग वे अपनी कथाओं में करती है उससे वह प्रसंग किसी चमत्कार की भाँति आँखों के सामने प्रकट हो जाता है। "

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