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है कुछ दीखे और

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Hai Kuchh Deekhe Aur
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"है कुछ, दीखे और - कुछ वर्ष पूर्व डॉ. कैलाश वाजपेयी की भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित पुस्तक 'अनहद' में भी ऐसे ही अनेक उनके लेख संगृहीत हैं। ये लेख क्योंकि एक समाचार-पत्र विशेष में पाठक वर्ग की साधारण जानकारी के लिए लिखे गये थे, इसलिए इनके विषय विविधरंगी हैं, ठीक उसी तरह जैसे हम सबका जीवन। हालाँकि इसी के साथ यह भी न भूलना चाहिए कि बाहरी तमाम विविधताओं के बावजूद, हम सब एक ही सूत्र में बँधे हैं। सूत्र का क्योंकि कोई ओर-छोर नहीं, शायद इसीलिए उसके द्वारा धारण की जाने वाली छवियों का भी कोई अन्त नहीं। जिस अनाख्य शक्ति-सूत्र से ये छवियाँ जन्म लेती हैं, उन्हें ही अपने यहाँ 'माया' कहा गया है। 'माया' का अर्थ प्रायः 'भ्रान्ति' कह कर लिया जाता है। भारतीय चिन्तन तो इस दृश्य जगत् को सीधे सीधे 'मिथ्या' ही मानता है। 'माया' शब्द का सही अर्थ सम्भवतः यह होना चाहिए कि 'यह संसार जैसा हमें दिखाई पड़ता है वैसा है नहीं।' अन्त में, यह भी कि विषयवस्तु के आधार पर अलग-अलग लगते इन लेखों की अन्तर्धारा एक ही है। "
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कैलाश वाजपेयी (Kailash Vajpeyi)

"कैलाश वाजपेयी - जन्म: 11 नवम्बर, 1936, उत्तर प्रदेश। शिक्षा: लखनऊ विश्वविद्यालय से एम.ए., पीएच. डी.। सन् 1960 मुम्बई में, टाइम्स ऑफ़ इंडिया, ग्रुप की पत्रिका 'सारिका' के प्रकाशन प्रभारी। 1961 में शिवाजी कॉलेज (दिल्ली) में विभागाध्यक्ष पद पर नियुक्ति। 1973 से 1976 तक 'एल कालेजियो दे मेख़िको' में भारतीय संस्कृति हिन्दी भाषा एवं साहित्य के विज़िटिंग प्रोफ़ेसर। 1976-77 में अमेरिका के डैलेस विश्वविद्यालय में एडजंक्ट प्रोफ़ेसर। प्रकाशन: 'आधुनिक हिन्दी कविता में शिल्प' (शोध प्रबन्ध)। 'संक्रान्त', 'देहान्त से हटकर', 'तीसरा अँधेरा', 'महास्वप्न का मध्यान्तर', 'प्रतिनिधि कविताएँ', 'सूफ़ीनामा', 'भविष्य घट रहा है', 'हवा में हस्ताक्षर', 'बियांड द सेल्फ़', 'चुनी हुई कविताएँ', 'एल आरबोल दे कार्ने' (स्पहानी भाषा में) (कविता संग्रह)। 'डूबा-सा अनडूबा तारा' (एक काव्यात्मक आख्यान)। 'युवा संन्यासी' (नाटक)। 'पृथ्वी का कृष्णपक्ष' (प्रबन्ध काव्य)। 'अनहद', 'शब्द संसार', 'समाज दर्शन और आदमी', 'है कुछ, दीखे और' (निबन्ध संग्रह)। 'भीतर भी ईश्वर' (आख्यायिकाएँ)। 'आधुनिकता का उत्तरोत्तर' (आलोचना)। 'साइंस ऑफ़ मन्त्राज़', 'मन्त्राज़ पालाबराज़ दे पोदेर' (रहस्य विज्ञान)। 'एस्ट्रो कॉम्बिनेशंस' (खगोलशास्त्र)। छह पुस्तकों का सम्पादन। पुरस्कार/सम्मान: हिन्दी अकादमी दिल्ली, एस. एस. मिलिनियम अवार्ड, व्यास सम्मान, ह्यूमन केयर ट्रस्ट अवार्ड, साहित्य शिखर सम्मान, साहित्य अकादेमी पुरस्कार। साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रम के अन्तर्गत रूस, फ्रांस, जर्मनी, स्वीडेन, इटली अमेरिका, कनाडा आदि देशों की यात्रा। निधन: 1 अप्रैल 2015। "

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