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हिन्दी पत्रकारिता का बृहद् इतिहास

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"हिन्दी पत्रकारिता का बृहद् इतिहास - स्वतन्त्रता, स्वराष्ट्रोन्नति एवं सर्वजनहिताय भावना की त्रिवेणी पर समादृत हिन्दी पत्रकारिता का इतिहास समय और समाज के वैचारिक यज्ञ की उज्ज्वल शोभागाथा का प्रामाणिक अभिलेख है। उदबोधन, जागरण, क्रान्ति एवं नव निर्माण काल- खण्डों में विभक्त लगभग 752 दुर्लभ हिन्दी पत्रों का विशद् विवेचन ग्रन्थ की विशेषता है।समग्र रूप में हिन्दी जगत की पत्रकारिता का यह इतिहास सर्वथा मौलिक और अपने ढंग का अप्रतिम प्रयास है। ★★★★★ इतिहास मानव-जीवन के संघर्षों और उपलब्धियों का अभिलेख है जो विगत को प्रकट करता है तथा उसकी लोकहित में व्याख्या करता है। यह राजनीति की पाठशाला और समाजनीति का साधन है । पूर्व गौरव को अक्षुण्ण रखने के निमित्त इतिहास का अवलोकन अत्यन्त उपादेय है । पत्रकारिता संस्कृति, सभ्यता और स्वतन्त्रता की वाणी है। जन-भावना की अभिव्यक्ति, सद्भावों की उद्भूति और नैतिकता की पीठिका को ही पत्रकारिता कहा जाता है जिसके द्वारा ज्ञान-विज्ञान को जानकर हम अपने बन्द मस्तिष्क खोलते हैं । जीवन एवं जगत सम्बन्धी सत्य का अन्वेषण तथा समय की सहज अभिव्यक्ति पत्रकारिता और इतिहास दोनों का अभीष्ट होता है। समय के साथ समाज के सतर्क विवेचन-विश्लेषण वाले पत्र - जगत की विविध प्रवृत्तियों के विकास का क्रमिक अभिलेख ही पत्रकारिता का इतिहास है । विश्व वाणी हिन्दी की पत्रकारिता के इतिहास के अभाव में भारत का राजनीतिक-सामाजिक इतिहास बौना, आर्थिक- वैज्ञानिक इतिहास लँगड़ा एवं सांस्कृतिक-धार्मिक इतिहास मूक हो जायेगा । स्वतन्त्रता, स्वराष्ट्रोन्नति एवं सर्वजनहिताय की त्रिवेणी पर समाहूत हिन्दी पत्रकारिता युग-विशेष के इतिहास से संश्लिष्ट है। समाज की गतिविधियों और पत्र- जगत की प्रवृत्तियों के बीच सामंजस्य स्थापित कर राष्ट्रोत्थान के वैचारिक यज्ञ की उज्ज्वल यशोगाथा का निरूपण ही प्रस्तुत ग्रन्थ का लक्ष्य है । हिन्दी पत्रकारिता का इतिहास पत्र - प्रकाशन- तिथि, प्रसार संख्या, मुद्रित सामग्रियों का विश्लेषण ही नहीं अपितु पत्र-जगत की चेतना का क्रमिक विवेचन है । राष्ट्रीय परम्पराओं, सामाजिक-सांस्कृतिक-आर्थिक परिवेश, युगबोध के आधार पर ही हिन्दी पत्रकारिता के काल-विभाजन तथा नामकरण की सार्थकता है। हिन्दी के प्रथम पत्र 'उदन्त मार्तण्ड' के प्रकाशन वर्ष 1826 से अद्यावधि 170 वर्ष के काल-खण्ड को लिखित रूप में प्रस्तुत किया गया है। "
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9788170555131
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डॉ. अर्जुन तिवारी (Dr. Arjun Tiwari)

"डॉ. अर्जुन तिवारी - शिक्षा : एम.ए. (अंग्रेज़ी, हिन्दी), 'पूर्वी उत्तर प्रदेश में हिन्दी पत्रकारिता का उद्भव और विकास' पर पीएच.डी. । पुरस्कार : उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा अनुशासित बाबूराव विष्णु पराड़कर नामित पुरस्कार से पुरस्कृत। दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा, कर्नाटक द्वारा पत्रकारिता की विशिष्ट सेवा हेतु अलंकृत । प्रकाशित ग्रन्थ : स्वतन्त्रता आन्दोलन और हिन्दी पत्रकारिता, आधुनिक पत्रकारिता, जनसंचार और हिन्दी पत्रकारिता, हिन्दी पत्रकारिता का बृहद् इतिहास, भजगोविन्दम्, शंकररत्नमालिका, बाबा राघव दास, ब्रह्मर्षि देवराहा-दर्शन, स्वतन्त्रता संग्राम और 'स्वदेश', आदर्श पत्रकारिता, राष्ट्रीय एकता, सद्भाव सेतु शंकर : प्रबन्ध काव्य दी सांग डिवाइन। "

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