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Hindi Reetikavya Ka Vikas Aur Maharaja Mansingh 'Dwijdev' Ki Kavya Sadhna

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ब्रजभाषा मुक्तक परम्परा के अद्वितीय कवि मानसिंह ‘द्विजदेव’ को उन्नीसवीं शताब्दी के आरम्भिक चरण के एक प्रमुख रीतिमुक्त कवि के रूप में मान्यता हासिल है। हिन्दी साहित्य के इतिहास में आचार्य रामचन्द्र शुक्ल समेत अनेक विद्वानों ने इन्हें रीतिकाल के शृंगारी कवियों की परम्परा में रीतिमुक्त कविता का अन्तिम प्रसिद्ध कवि माना है। भाषा की प्रांजलता, बखान की सजीवता और भाव-व्यंजना की सूक्ष्मता के साथ द्विजदेव की कविता छप्पय, दोहा, सवैया, घनाक्षरी आदि विभिन्न छन्दों के माध्यम से प्रेम के अनन्य सनातनी प्रतीक राधा-माधव को अपनी कविता का विषय बनाती है। ऐसे भावमयी अलौकिक वर्णन के साथ द्विजदेव भक्ति में संयोग और विरह का अछोर निर्मित करते हैं। इस अध्ययनपरक ग्रन्थ को, ऐसे महाकवि के सन्दर्भ में रचा गया है, जिन्हें समकालीन अर्थों में देखने, समझने की नयी दृष्टि मिलती है। द्विजदेव की शृंगारिक कविता को काव्य-रसिकों के बीच पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से प्रणीत यह मनोहारी शोध रीतिकाल को समग्रता में देखने की कोशिश है। इस अध्ययन की गम्भीर अर्थ भंगिमा पूर्वज कवियों के प्रति लेखिका का साहित्यिक अर्थों में कृतज्ञता ज्ञापन है।
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अपर्णा मिश्र (Aparna Mishr )

अपर्णा मिश्र अयोध्या के राजा मानसिंह ‘द्विजदेव’ की वंशावली में चौथी पीढ़ी में राजकुमारी विमला देवी एवं डॉ. रमेन्द्र मोहन मिश्र की पाँचवीं सन्तान के रूप में डॉ. अपर्णा मिश्र का 12 सितम्बर, 1970 को अयोध्या में जन्म हुआ। हिन्दी साहित्य में डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से एम.ए. करने के उपरान्त उन्होंने इसी विश्वविद्यालय से ‘हिन्दी रीतिकाव्य का विकास और महाराजा मानसिंह ‘द्विजदेव’ की काव्य-साधना’ विषय पर शोध उपाधि प्राप्त की। साहित्य के अध्ययन, अनुशीलन के साथ ही अपर्णा मिश्र ने संगीत की भी शिक्षा ली है। वे आकाशवाणी केन्द्र, लखनऊ की अवधी लोकगायन विधा में ‘बी-हाई ग्रेड’ की नियमित कलाकार हैं। सन् 2003 से अयोध्या स्थित महाराजा पब्लिक स्कूल का कुशलतापूर्वक संचालन करते हुए उसकी अवैतनिक निदेशिका के तौर पर कार्यरत हैं। उन्हें अवधी के लोकगीतों के संरक्षण और संकलन में विशेष रुचि है। 2014 में उत्तर प्रदेश सरकार ने मलाला दिवस के अवसर पर, जिसे ‘कन्या शिक्षा और सुरक्षा दिवस’ घोषित किया गया है, इन्हें सम्मानित किया। आजकल कामता प्रसाद सुन्दरलाल साकेत स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अयोध्या में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के पद पर कार्यरत हैं।

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