हिन्दी भाषा का बहुआयामी पक्ष उभर रहा है। राष्ट्रभाषा तथा राजभाषा के साथ ही सम्पर्क भाषा के रूप में भी इसका महत्त्व बढ़ता जा रहा। इस व्यापकता को देखते हुए आवश्यकता के अनुरूप इसमें सभी प्रकार की सामग्री को उपलब्ध कराना हमारा पुनीत कर्तव्य है।
'हिन्दी शब्द-सामर्थ्य' अपने ढंग की एकमात्र पुस्तक है जिसमें दैनिक जीवन में काम आने वाली विशिष्ट प्रकार की सामग्री को प्रचुर मात्रा में एक ही स्थान पर संजो देने का प्रयास किया गया है। इसका प्रत्येक अध्याय एक सार्थक भूमिका से जुड़ा हुआ है। वाक्य प्रयोग द्वारा शब्द/मुहावरों की अर्थ-सीमा को स्पष्ट कर अध्येताओं का मार्गदर्शन किया गया है।
हिन्दी शब्दों के साथ अंग्रेज़ी पर्याय इसलिए दिए गए हैं ताकि अहिन्दी भाषी भी शब्दों के सही-सही अर्थ समझ सकें तथा उनका प्रयोग सम्यक रूप से कर सकें।
कॉलेज स्तर के विद्यार्थियों, विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थियों तथा हिन्दी भाषा में दक्षता प्राप्त करने की इच्छा रखने वालों के लिए भी यह पुस्तक अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी।
"शिवनारायण चतुर्वेदी -
जन्म : एवं शिक्षा एम.ए. तक ग्वालियर में। पीएच.डी. सागर विश्वविद्यालय से।
मध्य भारत सरकार द्वारा दो वर्ष एवं सागर विश्वविद्यालय द्वारा एक वर्ष के लिए शोध छात्रवृत्ति प्रदान कर सम्मानित। वहीं हिन्दी-विभाग में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के रूप में कार्य आरम्भ।
लेखन-सहलेखन :
1. आवेदन-प्रारूप (एप्लीकेशन राइटिंग)
2. टिप्पण-प्रारूप (नोटिंग)
3. आलेखन - प्रारूप (ड्राफ्टिंग)
4. प्रालेखन - प्रारूप (लैटर राइटिंग, ड्राफ्टिंग)
5. हिन्दी शब्द सामर्थ्य
6. प्रशासनिक हिन्दी
7. द्वितीय भाषा के रूप में हिन्दी
8. छाया संगिनी (उपन्यास)
9. खुली खिड़की (कहानी-संग्रह)
10. किराये का आदमी (कहानी-संग्रह)
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तुमन सिंह -
जन्म : देहरादून जनपद के पहाड़ी ग्रामीण अंचल में प्रारम्भिक शिक्षा गाँव में।
बी.ए. आगरा विश्वविद्यालय से तथा एम.ए. गढ़वाल विश्वविद्यालय से।
जी.सी.पी.आई. इलाहाबाद से सन् 1968 में एल.टी. हिन्दी शिक्षण सम्बन्धी अनेक पुस्तकों की रचना की।
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