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Hindi Vyakaran

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हिन्दी व्याकरण - 
...व्याकरण की उपयोगिता और आवश्यकता इस पुस्तक में यथास्थान बतलायी गयी है, तथापि यहाँ इतना कहना उचित जान पड़ता है कि किसी भाषा के व्याकरण का निर्माण उसके साहित्य की पूर्ति का कारण होता है और उसकी प्रगति में सहायता देता है। भाषा की सत्ता स्वतन्त्र होने पर भी व्याकरण उसका सहायक अनुयायी बनकर उसे समय-समय और स्थान-स्थान पर जो आवश्यक सूचनाएँ देता है, उससे भाषा का लाभ होता है...
भाषा की चंचलता दूर करने और उसे व्यस्थित रूप में रखने के लिए व्याकरण ही प्रधान और सर्वोत्तम साधन है।... —कामताप्रसाद गुरु

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9789326351027
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कामता प्रसाद (Kamta Prasad)

कामता प्रसाद

कामता प्रसाद एक सुपरिचित पत्रकार और अनुवादक हैं। 1994 में ‘दोपहर का सामना’ (मुम्‍बई) से इनकी पत्रकारिता की शुरुआत हुई। फिर ‘ब्लिट्ज’, ‘अमर उजाला’, ‘स्वतंत्र वार्ता’, ‘दैनिक भास्कर’, ‘राजस्थान पत्रिका’, ‘दैनिक जागरण’ में कार्य किया। ये ‘सीएनएबी’ चैनल के शोध-विभाग में भी रहे। इनकी प्रमुख अनूदित कृतियाँ हैं—जमशेत जी टाटा की जीवनी ‘भारत से प्यार’ (आर.एम. लाला), ‘इराक़़ : साम्राज्यवादी क़ब्ज़ा और प्रतिरोध’, (हरपाल बरार), ‘सामाजिक न्याय : एक इलस्ट्रेटेड प्राइमर’ (राम पुनियानी), ‘स्वाधीनता संग्राम में मुस्लिम भागीदारी’ (डॉ. पृथ्वीराज कालिया) आदि।

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