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हिन्दू धर्म का सार

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"हिन्दू धर्म एक प्राचीन धर्म, दर्शन तथा जीवनशैली है। अन्य महान धर्म कुछेक पुस्तकों पर आधारित हैं परन्तु हिन्दू धर्म में सैकड़ों ग्रन्थ हैं और इनमें से अधिकतर बहुत विशाल हैं। उनकी लेखन अवधि शताब्दियों में नहीं अपितु सहस्र वर्षों तक फैली हुई है। प्राचीन धर्म ग्रन्थ संस्कृत भाषा में हैं, यह एक ऐसी भाषा है जिसे बहुत से लोग नहीं जानते। कई बार आरम्भिक जिज्ञासु विस्मित हो जाते हैं, वे नहीं जानते कि उन्हें अपना अध्ययन कहाँ से आरम्भ करना चाहिए। ‘हिन्दू धर्म का सार’ में, त्रिलोचन शास्त्री वेदों से ले कर महाकाव्यों तक सभी प्राचीन ग्रन्थों को प्रस्तुत करते हैं, उन्होंने सभी धर्म ग्रन्थों तथा उनके विषय में जानने योग्य तथ्यों को आपके लिए सरल और आसानी से समझी और पढ़ी जाने वाली भाषा में पिरो दिया। यही वजह है कि यह पुस्तक हिन्दुओं के लिए विशेष रूप से रुचिकर होने के साथ-साथ अन्य धर्मों व देशों के पाठकों तथा उन लोगों के लिए भी रोचक होगी जो नास्तिक अथवा अनीश्वरवादी हैं। "
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9789362874849
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Vani Prakashan
"हिन्दू धर्म एक प्राचीन धर्म, दर्शन तथा जीवनशैली है। अन्य महान धर्म कुछेक पुस्तकों पर आधारित हैं परन्तु हिन्दू धर्म में सैकड़ों ग्रन्थ हैं और इनमें से अधिकतर बहुत विशाल हैं। उनकी लेखन अवधि शताब्दियों में नहीं अपितु सहस्र वर्षों तक फैली हुई है। प्राचीन धर्म ग्रन्थ संस्कृत भाषा में हैं, यह एक ऐसी भाषा है जिसे बहुत से लोग नहीं जानते। कई बार आरम्भिक जिज्ञासु विस्मित हो जाते हैं, वे नहीं जानते कि उन्हें अपना अध्ययन कहाँ से आरम्भ करना चाहिए। ‘हिन्दू धर्म का सार’ में, त्रिलोचन शास्त्री वेदों से ले कर महाकाव्यों तक सभी प्राचीन ग्रन्थों को प्रस्तुत करते हैं, उन्होंने सभी धर्म ग्रन्थों तथा उनके विषय में जानने योग्य तथ्यों को आपके लिए सरल और आसानी से समझी और पढ़ी जाने वाली भाषा में पिरो दिया। यही वजह है कि यह पुस्तक हिन्दुओं के लिए विशेष रूप से रुचिकर होने के साथ-साथ अन्य धर्मों व देशों के पाठकों तथा उन लोगों के लिए भी रोचक होगी जो नास्तिक अथवा अनीश्वरवादी हैं। "
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त्रिलोचन शास्त्री (Trilochan Sastry)

त्रिलोचन शास्त्री आई.आई.एम. बैंगलोर में प्रोफ़ेसर और पूर्व डीन हैं। उन्होंने आई.आई.टी. दिल्ली से बी.टेक., आई.आई.एम. अहमदाबाद से एम.बी.ए. और एम.आई.टी. से पीएच.डी. की है। वे ए.डी.आर. के संस्थापक हैं, जो एक गैर-सरकारी संगठन। है जो चुनावी और राजनीतिक सुधारों पर काम करता है, और सी.सी.डी. और फार्मवेदा के भी संस्थापक हैं, जो हज़ारों छोटे किसानों के साथ काम करता है। शास्त्री को उनके शैक्षणिक कार्य और समाज में उनके काम के लिए कई पुरस्कार मिले हैं। उन्हें किशोरावस्था से ही हिन्दू धर्म में रुचि रही है और उन्होंने मठों में रहकर पवित्र ग्रन्थों का अध्ययन किया है, विभिन्न शिक्षकों से कक्षाएँ ली हैं और विभिन्न तीर्थ स्थलों का दौरा किया है।

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