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हम कौन हैं?

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हम कौन हैं? -
"रजत रानी 'मीनू' की 'वे दिन' कहानी अम्बेडकरवादी साहित्य में शायद पहली कहानी है जिसमें एक दलित दम्पति के सम्बन्धों में आये अलगाव को बड़ी ईमानदारी और प्रामाणिकता के साथ उभारा गया है।... कथ्य और संवेदना की दृष्टि से भी इसमें नयापन है, जो जाति के सीमित दायरे को तोड़ कर दलित समाज की नयी समस्याओं से पाठकों को अवगत कराती है। इस तरह एक दलित परिवार में एक औरत के अस्तित्व का संकट उसकी समूची अस्मिता के संकट के रूप में सामने आता है जिसके लिए वह संघर्षरत है।"

- डॉ. तेजसिंह अपेक्षा, ‘अप्रैल-जून 2007 के सम्पादकीय से’


"रजत रानी मीनू' की कहानी मिट्ठू की 'विरासत' में पकड़ भी है और भाषा का जादू भी। दलितों द्वारा दलितों का शोषण भी, जीवन की एक सच्चाई है इसका कहानी में प्रभावशाली ढंग से उद्घाटन हुआ है। दलित प्रधान बनने के बाद भी ब्राह्मणों-ठाकुरों के लिए तो चमार (भंगी) ही बना रहता है, अलबत्ता अपने भाइयों पर रोब झाड़ने लगता है। कहानी इस सच्चाई को उजागर करती है।"

- मस्तराम कपूर ‘युद्धरत आम आदमी, अप्रैल-जून 2010’


"रजत रानी 'मीनू' की 'सुनीता' बहिर्मुखी कहानी है। सुनीता जो सोचती है उसे बोलती भी है उसके लिए डटकर मुकाबला भी करती है अपनी बात मनवाने की ज़िद और धुन दोनों हैं उसमें, और नेतृत्व का गुण भी है। वह अवसर की ताक में चुप रहना भी जानती है। सब सुनती है पर करती अपने मन की है।" 

- रमणिका गुप्ता ‘दूसरी दुनिया का यथार्थ, 1997’


"रजत रानी 'मीनू' सम्भावनाशील लेखिका हैं। ये दलित समाज में स्त्री की स्थिति को लेकर चिन्तित होती प्रतीत होती हैं।... औपचारिक शिक्षा के लिए संघर्षरत दलित स्त्री अंजू (वे दिन) की दास्तान है।"

- डॉ. बजरंग बिहारी तिवारी ‘वसुधा-80’

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9789350008188
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रजत रानी मीनू (Rajat Rani Meenu)

"रजत रानी 'मीनू' - जन्म : उ.प्र. के शाहजहाँपुर जनपद के जौराभूड़ नामक गाँव में। शिक्षा : एम.फिल., पीएच.डी. (हिन्दी दलित कथा साहित्य का आलोचनात्मक मूल्यांकन); जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय। प्रकाशित सामग्री : • हिन्दी दलित कविता (पुस्तक) • हिन्दी दलित कथा-साहित्य : अवधारणा और विधाएँ(पुस्तक) • हाशिये से बाहर (सम्पादित कहानी-संग्रह) • अन्याय कोई परम्परा नहीं (सह-सम्पादन) पत्र-पत्रिकाएँ : हंस, कादम्बिनी, हिन्दुस्तान, राष्ट्रीय सहारा, अन्यथा, अपेक्षा, बयान, वसुधा, अंगुत्तर, युद्धरत आम आदमी, इंडिया टुडे आदि पत्र-पत्रिकाओं में कहानियाँ, कविताएँ आत्मकथांश एवं समीक्षाएँ प्रकाशित। अनेक प्रकाशित हिन्दी ग्रन्थों में शोध-पत्र संकलित। नवें दशक की हिन्दी दलित कविता पुस्तक मध्य प्रदेश दलित साहित्य अकादमी, उज्जैन द्वारा पुरस्कृत। "

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