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Vani Prakashan

कौन ठगवा नगरिया लूटल हो

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9789389563160
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कथा साहित्य जगत में मालती जोशी का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। देश और विदेश में फैले लाखों प्रशंसक मालती जी की कहानियों का न सिर्फ़ आस्वाद ग्रहण करते हैं बल्कि उन कहानियों के साथ अपनी ज़िन्दगी का ताना-बाना भी बुनते हैं। एकदम घरेलू और सहज होने के बाद भी मालती जी की कहानियाँ बहुत बड़ा सामाजिक सन्देश देती हैं। ये कहानियाँ संस्कारों का भण्डार हैं और परम्पराओं की ध्वजवाहक हैं। भारतीय परम्परा और संस्कृति का संरक्षण अथवा नारी स्वतन्त्रता जैसे नारों का प्रयोग किये बिना मालती जी की कहानियाँ साहित्य, भारतीय पारिवारिक परम्परा, संस्कार एवं मातृशक्ति के सम्मान का अनूठा दर्शन कराती हैं। भारतीय कुटुम्ब की अवधारणा का सही सन्देश मालती जी की कहानियों में दृष्टिगोचर होता है। इसलिए मालती जी की कहानियाँ अवसरजन्य नहीं हैं। वे हर समय, कालखण्ड और स्थान के लिए प्रासंगिक हैं। विगत छह दशकों से भी अधिक समय से लेखन कर रहीं मालती जोशी के प्रशंसकों में निरन्तर वृद्धि ही हुई है।

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9789389563160
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Vani Prakashan
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मालती जोशी (Malti Joshi)

"मालती जोशी जन्म : औरंगाबाद (पूर्व हैदराबाद राज्य) में 04 जून, 1934 को महाराष्ट्रीयन परिवार में। शिक्षा : एम.ए. हिन्दी होल्कर कॉलेज इन्दौर से (आगरा विश्वविद्यालय, 1956)। प्रकाशित साहित्य : हिन्दी की लगभग सभी लब्ध प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियाँ एवं लघु उपन्यास विगत साठ वर्ष से अधिक समय से लेखन। पचास पुस्तकें हिन्दी में प्रकाशित, जिसमें उपन्यास एवं विविध कथा संग्रह शामिल हैं। इसके अलावा ग्यारह मराठी कथा संग्रह प्रकाशित। एक कविता संग्रह भी प्रकाशित है। अनुवाद : देश की सभी प्रमुख पत्रिकाओं ने मालती जी का साहित्य सम्मानपूर्वक प्रकाशित किया है। हिन्दी की भाँति मालती जी का मराठी भाषा पर भी अधिकार है और वे स्वयं अपनी कहानियों का मराठी में रूपान्तरण करती हैं। उनकी कहानियों के अनुवाद कन्नड़, मलयालम, तमिल, गुजराती, उर्दू आदि भारतीय भाषाओं में प्रकाशित हुए हैं। अंग्रेजी, रूसी और जापानी भाषाओं में अनुवाद के कारण उनका साहित्य विदेशी पाठकों तक भी पहुँचा है। सम्मान : • 2018-भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'पद्मश्री' से अलंकृत। • 2018-महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय द्वारा ‘हिन्दी सेवी सम्मान' से अलंकृत। • 2017-मध्य प्रदेश शासन का प्रतिष्ठित 'मैथिलीशरण गुप्त राष्ट्रीय सम्मान।' • 2017-वनमाली स्मृति सम्मान। • 2011-ओजस्विनी सम्मान, उषा मित्रा अलंकरण, दुष्यन्त कुमार साधना सम्मान। • 2006-मध्य प्रदेश शासन का शिखर सम्मान साहित्य में अवदान के लिए। • 1998- मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन का 'भवभूति' अलंकरण। • 1985-मध्य प्रदेश के राज्यपाल द्वारा 'अहिन्दी भाषी' लेखिका के रूप में सम्मान। • 1984-मराठी पुस्तक 'पाषाण' के लिए महाराष्ट्र शासन का पुरस्कार। • 1983-भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता का रचना पुरस्कार सहित अनेक सम्मानों से सम्मानित।"

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