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Kavita : Manushyon Ke Liye

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"कविता मनुष्यों के लिए - मराठी के शीर्षस्थ कवि मंगेश पाडगाँवकर के कविता संग्रह 'कविता माणसांच्या, माणसासाठी' की इकसठ कविताओं का रूपान्तर है—'कविता मनुष्यों के लिए'। पाडगाँवकर ने अपनी इन कविताओं में व्यक्ति और उनसे सम्बद्ध चराचर जगत के विभिन्न रूपों एवं भावावस्थाओं को वाणी दी है। शब्द की गहरी पहचान और सूक्ष्म संवेदनात्मक अनुभव को मूर्त रूप देने वाली समुचित बिम्ब-योजना एवं अर्थ के गहरे संकेत देने वाली प्रतीकात्मकता पाडगाँवकर की कविता की विशेषता है। मंगेश पाडगाँवकर की कविता जीवन, परिवेश और समय से तथा समाज और निचले तबके की वेदना से अपना भावात्मक रिश्ता जोड़ती है। उनकी कविता में कहीं विलक्षण ढंग की नाट्यात्मकता है तो कहीं व्यंग्य के साथ एक अजीब प्रकार का हास्य भी। संग्रह की अनेक कविताओं में पंचतन्त्र एवं हितोपदेश जैसी शैली अपनायी गयी है। पाडगाँवकर किसी वाद या विचारधारा से बँधे नहीं हैं। यही कारण है कि उनका अनुभव-संसार व्यापक और गहरा है। जीवन की जटिलता को व्यक्त करते समय उन्होंने कविता को अनावश्यक रूप से न तो बोझिल होने दिया और न ही रहस्यमय। जाने-माने लेखक और समीक्षक चन्द्रकान्त बान्दिवडेकर द्वारा अनूदित यह रचना मराठी मूल की तरह हिन्दी के सहृदय पाठकों को भी रसात्मक अनुभूति देगी, इसी विश्वास के साथ समर्पित है—'कविता मनुष्यों के लिए'। "
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मंगेश पाडगाँवकर (Mangesh Padgaonkar )

"मंगेश पाडगाँवकर - जन्म: 10 मार्च, 1929 को महाराष्ट्र के सिन्धुदुर्ग ज़िले में। शिक्षा: बम्बई विश्वविद्यालय से संस्कृत एवं मराठी भाषा साहित्य में एम.ए.। सोमौया कॉलेज, मुम्बई में मराठी के प्रोफ़ेसर एवं विभागीय अध्यक्ष रहे। 1964 में फ़िल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य। उसके बाद आल इंडिया रेडियो से सम्बद्ध। अमेरिका सूचना सेवा से जुड़े रहे। 'साधना' साप्ताहिक के सम्पादक भी रहे। प्रकाशन: अब तक लगभग 40 पुस्तकें प्रकाशित। मुख्यतः कवि के रूप में ख्यात। धारानृत्य, जिप्सी, छोरी, उत्सव, विदूषक, सलाम, भटके पक्षी, तुझे गीत गाण्यासाठी, बालगाणी आदि (कविता संग्रह); भोलानाथ, बबलगम (बाल-कविता); निंबोणीच्या झाडामागे (निबन्ध); शर्मिष्ठा (काव्य-नाटक)। इनके अतिरिक्त 5 संगीत नाटक तथा लगभग 80 ध्वनि-गीत। अमेरिकन साहित्य की महत्त्वपूर्ण 20 से अधिक पुस्तकों का अनुवाद। शेक्सपीयर तथा मध्यकालीन हिन्दी कवि सूर, मीरा, कबीर की रचनाओं के मराठी रूपान्तर। पुरस्कार-सम्मान: साहित्य अकादेमी पुरस्कार (1980) सहित महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश राज्य सरकार पुरस्कार, सूरजरतन दमाणी पुरस्कार, लता मंगेशकर पुरस्कार, महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार, कुसुमाग्रज पुरस्कार। "

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