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केदारनाथ सिंह संचयन - 
केदारनाथ सिंह अपनी भोजपुरी भाषा की अनुगूँजों से सम्पृक्त हिन्दी के अप्रतिम आधुनिक कवि हैं। प्रगतिशील लेखक आन्दोलन के अग्रणी कवि के रूप में आपने वंचित समाज को विशिष्ट पहचान और गरिमा दी। यथार्थ और फ़न्तासी, छन्द और छन्देतर की एक सूक्ष्म बनावट आपके काव्यशिल्प को एक विरल चमक और रंग देती है। काल और स्थानबोध की दुर्लभ छवियों में रचा-बसा कवि का लेखन बहुध्वन्यात्मक, बहुरंगी और बहुआयामी है। बिम्ब सृजन में अपनी अद्वितीय अभिव्यक्ति के लिए चर्चित डॉ. सिंह का अन्तर्जगत जातीय स्मृतियों से बनकर आधुनिक हुआ है। केदारनाथ सिंह की कविता अपनी विलक्षणता में दृश्यात्मक, लोकगल्प के आस्वाद में पगी, भौतिक-अभौतिक जगत की खोज-ख़बर लेती, नाट्यतत्त्वों से युक्त, सजल भाषा में दीप्त है। डॉ. सिंह आधुनिक सृजनशीलता और ग्रामीण जातीय चेतना की अनुभव सन्धि से कविता का नया सौन्दर्यशास्त्र रचते ऐसे कवि हैं, जिनके लिखने में बोलने की आवाज़ केन्द्रीय है। जीवन की नैसर्गिक गरिमा के पक्षधर कवि डॉ. केदारनाथ सिंह की कविता हमारे समय की सर्वाधिक विश्वसनीय पुकार है।
पाठकों को यह चयन सिर्फ़ किताब नहीं अपितु आत्मीय सहचर की अनुभूति देगा।

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Kedarnath Singh Sanchayan
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लीलाधर मंडलोई (Leeladhar Mandaloi)

लीलाधर मंडलोई

जन्म : 15 अक्टूबर, 1953, छिंदवाड़ा के गाँव गुढ़ी में।

प्रमुख कृतियाँ : घर-घर घूमा, रात-बिरात, मगर एक आवाज़, काल बाँका तिरछा, एक बहोत कोमल तान, महज़ शरीर नहीं पहन रखा था उसने, लिखे में दुक्ख, मनवा बेपरवाह, भीजै दास कबीर और जलावतन (कविता-संग्रह); अर्थ जल, काला पानी, कवि का गद्य, दिल का क़िस्सा (निबंध); कविता का तिर्यक (आलोचना); इनसाइड लाइव (मीडिया); दाना पानी, दिनन-दिनन के फेर, राग सतपुड़ा और ईश्वर कहीं नहीं (डायरी); पहाड़ और परी का सपना, पेड़ भी चलते हैं, चांद का धब्बा (बाल साहित्य); अंदमान निकोबार की लोक कथाएँ और ‘मधुरला’ बुंदेली लोक गीतों का संग्रह (लोक साहित्य); कविता के सौ बरस, समकालीन स्त्री स्वर, पास-पड़ोस (सार्क देशों का साहित्य), आपदा और पर्यावरण, विस्मृत निबंध (सम्पादन); मां की मीठी आवाज़ (अनातोली पारपरा की रूसी कविताओं का अनुवाद) और पानियों पर नाम (शकेब जलाली की ग़ज़लों का लिप्यंतरण) (अनुवाद) ओड़िया, बंगला, गुजराती, पंजाबी, मराठी, उर्दू, अंग्रेजी, रूसी, नेपाली में कविताओं के अनुवाद प्रकाशित।

कुछ फिल्मों का निर्माण व निर्देशन। अमूर्त छायाचित्रों की तीन राष्ट्रीय एकल प्रदर्शनियाँ।

मुख्य सम्मान : कबीर सम्मान, पुश्किन सम्मान, नागार्जुन सम्मान, रामविलास शर्मा सम्मान, रज़ा सम्मान, शमशेर सम्मान, किशोरी अमोनकर सरस्वती सम्मान, प्रमोद वर्मा काव्य सम्मान, साहित्यकार सम्मान, कृति सम्मान और वागीश्वरी पुरस्कार।

ई-मेल : leeladharmamdloi@gmail.com

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