Publisher:
Bharatiya Jnanpith
ख़ामोशी की आँच
In stock
Only %1 left
SKU
Khamoshi Ki Aanch
As low as
₹399.00
Regular Price
₹420.00
Save 5%
कविता पर बात हो तो ये पंक्तियाँ सबसे पहले याद आती हैं- 'वियोगी होगा पहला कवि, आह से उपजा होगा गान निकलकर आँखों से चुपचाप, बही होगी कविता अनजान ... ।' इन पंक्तियों की रचना करने वाले, हिन्दी साहित्य में छायावाद के चार स्तम्भों में से एक कवि सुमित्रानन्दन पन्त का मानना था कि कविता विचारों या तथ्यों से नहीं बल्कि अनुभूति से होती है । कविता वही व्यक्ति लिखता है जो संवेदना, भावों से भरा होता है
मुहम्मद नसीरुद्दीन अहिन्दीभाषी प्रदेश तेलंगाना से हैं और ख़ामोशी की आँच उनका तीसरा संग्रह है । हिन्दी में प्रकाशित होने से पहले उनके दो कविता संग्रह तेलुगु भाषा में प्रकाशित हो चुके हैं। हिन्दी में प्रकाशित मुझे एकान्त में जीने दो कवि का पहला कविता संग्रह है जबकि झील के उस पार दूसरा कविता संग्रह है।
ISBN
Khamoshi Ki Aanch
Publisher:
Bharatiya Jnanpith