लिंगभाव का मानववैज्ञानिक अन्वेषण : प्रतिच्छेदी क्षेत्र

In stock
Only %1 left
SKU
9788181431646
Rating:
0%
As low as ₹565.25 Regular Price ₹595.00
Save 5%
"मानववैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत स्त्री-विमर्श - नातेदारी, संस्कृति तथा लिंगभाव के विभिन्न पहलुओं के इस अन्वेषण में क्षेत्रीय शोधकार्य, वैयक्तिक वृत्तान्त, प्रचुर मानवजातिचित्रणात्मक साहित्य तथा सैद्धान्तिक निरूपण का उपयोग किया गया है। लीला दुबे ने अपनी सामग्री विभिन्न स्रोतों से ली है, जिसमें देशज चिन्तन, प्रचलित प्रतीक तथा भाषायी अभिव्यक्तियाँ, कर्मकाण्ड एवं आचार-व्यवहार और लोगों के विश्वास व धारणाएँ समाविष्ट हैं। नातेदारी की अपनी अनोखी व्याख्या में अध्येता भौतिक तथा विचारधारात्मक दोनों पक्षों का समावेश करती हैं। इन दो आयामों के अन्तर्गुम्फन से स्पष्ट संकेत मिलता है कि सम्पत्ति, संसाधनों, स्थान तथा बच्चों पर अधिकार और विवाह का स्वरूप एवं अर्थ-ये सब, जो स्त्री-पुरुष सम्बन्धों को निश्चय ही प्रतिबिम्बित करते हैं-नातेदारी में निहित हैं। नातेदारी की यह अवधारणा भारतीय समाज में व्याप्त पितृवंशीय, पुरुषकेन्द्रित ढाँचे के अन्तर्गत स्त्रियों की नियति को स्पष्ट करने के अतिरिक्त, एक सुदूर द्वीप में बसे मातृवंशीय मुस्लिम समाज के विश्लेषण में तथा दक्षिण और दक्षिणपूर्व एशिया की विभिन्न नातेदारी व्यवस्थाओं में मौजूद स्त्री-पुरुष सम्बन्धों की आपेक्षिक गुणवत्ता के परीक्षण में कारगर योगदान करती है। लीला दुबे का यह अध्ययन जाति, नातेदारी, सामाजिक संरचना, संस्कृति तथा स्त्री-पुरुष सम्बन्ध को समझने के नये तरीके प्रस्तुत करता है। सुप्रतिष्ठित मानववैज्ञानिक लीला दुबे ने कई विश्वविद्यालयों में अध्यापन तथा अनेक राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्थानों पर कार्य किया है। उनका क्षेत्रीय शोधकार्य विशेषतः उत्तर व मध्यवर्ती भारत में तथा लक्षद्वीप के एक द्वीप में हुआ। "
ISBN
9788181431646
sfasdfsdfadsdsf
Write Your Own Review
You're reviewing:लिंगभाव का मानववैज्ञानिक अन्वेषण : प्रतिच्छेदी क्षेत्र
Your Rating
कॉपीराइट © 2025 वाणी प्रकाशन पुस्तकें। सर्वाधिकार सुरक्षित।

Design & Developed by: https://octagontechs.com/