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Bharatiya Jnanpith

लो कहानी सुनो

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9788126316779
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"लो कहानी सुनो - 'लो कहानी सुनो' में संकलित ये छोटी कहानियाँ प्राचीन भारतीय कथाओं की उस परम्परा में लिखी गयी हैं, जिनका उद्देश्य मनोरंजन के साथ मनुष्य को 'समझदार' बनाने का रहा है। जीवन का अनुभव सिर्फ़ पुस्तकों से नहीं प्राप्त होता, वह व्यक्तियों के जीवनानुभवों से भी प्राप्त होता है। दैनिक जीवन में ऐसे तमाम प्रसंग घटित होते रहते हैं जो प्रेरक होते हैं और व्यक्ति के विवेक को जाग्रत करते हैं। कहा जा सकता है कि गोयलीय जी की ये कहानियाँ प्रेरक प्रसंगों का एक गुलदस्ता है। इन प्रसंगों में अपने समय के महान लोग भी हैं तो साधारण जन भी हैं। हर प्रसंग सोचने पर विवश करता है और उस मनुष्य सत्य को मुखरित करता है जिसकी महिमा का सन्तों ने गुणगान किया है। "
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9788126316779
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Bharatiya Jnanpith
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Publication Bharatiya Jnanpith
अयोध्या प्रसाद गोयलीय (अयोध्या प्रसाद गोयलीय)

"अयोध्याप्रसाद गोयलीय - उर्दू साहित्य के गम्भीर अध्येता और विद्वान। जन्म 1902 में बादशाहपुर, गुड़गाँव, हरियाणा में। उच्च शिक्षा के दौरान न्याय, व्याकरण और काव्य का अध्ययन। 1920 से 1940 तक दिल्ली में निवास और उसी अवधि में उर्दू साहित्य और इतिहास का गम्भीर अध्ययन। 1975 में सहारनपुर (उ.प्र.) में देहावसान। प्रमुख कृतियाँ हैं—'शेर-ओ-सुख़न' (5 भाग), 'शाइरी के नये दौर'(5 भाग), 'शाइरी के नये मोड़' (5 भाग), 'शेर ओ-शायरी', 'नग़्मए-हरम', 'गहरे पानी पैठ', 'जिन खोजा तिन पाइयाँ' आदि। "

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