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Muktibodh Sanchayan

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मुक्तिबोध संचयन - 
स्वाधीनता के बाद की हिन्दी आलोचना में मुक्तिबोध एक सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण नाम है। वह जितने महत्त्वपूर्ण कवि हैं उतने ही महत्त्वपूर्ण आलोचक भी हैं। कविता की, विशेष रूप से फ़ैंटेसी की रचना प्रक्रिया पर इतनी गम्भीरता से पहले किसी आलोचक ने हिन्दी में विचार किया हो याद नहीं पड़ता। उनकी साहित्यिक डायरी सिर्फ़ रचना प्रक्रिया या साहित्यिक सवालों पर ही बहस नहीं करती बल्कि वह एक क़िस्म की सभ्यता समीक्षा भी है। वह जीवन विवेक और साहित्य विवेक के बीच के सम्बन्धों की भी तलाश करती है। उनकी 'कामायनी : एक पुनर्विचार' ने कामायनी को देखने की एक नयी दृष्टि दी। इसके अतिरिक्त मुक्तिबोध नयी कवितावादी कवियों और चिन्तकों से इस अर्थ में भी अलग हैं कि उन्होंने नये कविता के कवियों की तरह छायावाद या प्रगतिवाद की उपलब्धियों से कभी पूरी तरह से इनकार नहीं किया। हमने इस संचयन में हिन्दी कविता की परम्परा के अलग-अलग कालखण्डों पर मुक्तिबोध द्वारा लिखे गये लेखों को सम्मिलित किया है। संचयन की एक सीमा है, फिर भी बड़े हद तक पाठक को इस संचयन से मुक्तिबोध को जानने और समझने में मदद मिलेगी। 

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Muktibodh Sanchayan
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Publication Bharatiya Jnanpith
राजेश जोशी (Rajesh Joshi)

"राजेश जोशी - जन्म: 18 जुलाई, 1946 नरसिंहगढ़ (मध्य प्रदेश)। प्रकाशित कृतियाँ: 'समरगाथा', 'एक दिन बोलेंगे पेड़', 'मिट्टी का चेहरा', 'नेपथ्य में हँसी', 'दो पंक्तियों के बीच', 'चाँद की वर्तनी' (कविता संग्रह); 'सोमवार और अन्य कहानियाँ', 'कपिल का पेड़' (कहानी संग्रह); 'एक कवि की नोटबुक', 'एक कवि की दूसरी नोटबुक' (आलोचना); 'जादू जंगल', 'अच्छे आदमी', 'पाँसे', 'सपना मेरा यही सखि', 'हमें जवाब चाहिए' (नाटक); 'क़िस्सा कोताह' (आख्यान)। भर्तृहरि की कुछ कविताओं की अनुरचना और मायकोवस्की की कविताओं का अनुवाद। सम्पादन: नागार्जुन संचयन, त्रिलोचन का कविता संग्रह ताप के ताये हुए दिन तथा शरद बिल्लौरे का कविता संग्रह तय तो यही हुआ था। इसलिए पत्रिका का कई वर्ष तक सम्पादन एवं प्रकाशन, नया पथ के निराला शताब्दी विशेषांक सहित पाँच अंकों का सम्पादन तथा वर्तमान साहित्य तथा साहित्य के कविता विशेषांक का सम्पादन। सम्मान/पुरस्कार: दो पंक्तियों के बीच के लिए (2002) के 'साहित्य अकादेमी पुरस्कार' (2002), 'निराला सम्मान', 'श्रीकान्त वर्मा स्मृति सम्मान', 'शिखर सम्मान', 'पहल सम्मान', 'शमशेर सम्मान', 'मुकुट बिहारी सरोज सम्मान'। "

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