प्रेम-मंजूषा
In stock
Only %1 left
SKU
9789387409552
As low as
₹116.00
Regular Price
₹145.00
Save 20%
प्रेमचंद एक बदलते समय के कथाकार थे। इसलिए उन्होंने लिखा है-“अब पाठक कहानियों में नये भावों, नये विचारों का, नये चरित्रों का दिग्दर्शन चाहता है।" वे नये के पक्ष में खड़े होने के बावजूद कहानी के ऐसे जातीय ढाँचे की खोज में थे, जिसमें भारतीय पाठक का जी लगे। बदलता यथार्थ कहानी के शिल्प में नवीनता लाता है, लेकिन प्रेमचंद ने सावधान किया कि शिल्प में- “सुधार के जोश में कथा की रोचकता को कम न होने दें। "। प्रेमचंद की कहानी-दृष्टि नवीनता और रोचकता के सामंजस्य पर आधारित है, जो आज भी कम अर्थपूर्ण नहीं है।
ISBN
9789387409552
Write Your Own Review