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Bharatiya Jnanpith
Samkaleen Gujrati Kahaniyan
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Samkaleen Gujrati Kahaniyan
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"समकालीन गुजराती कहानियाँ -
यह कथा-संचयन इस प्रयास के साथ सुसम्पादित किया गया है कि हिन्दी के पाठकों के समक्ष गुजराती कहानी का वर्तमान स्वरूप स्पष्ट व गोचर हो सके। स्वरूप की दृष्टि से देखें तो ये कहानियाँ कथावस्तु को अधिक से अधिक अनुभूतिजन्य रूप में कलात्मक ढंग से प्रकट करने के लिए नये-नये रूप धारण करती हैं। विषयवस्तु की दृष्टि से भी गुजराती कहानीकार का अनुभव विश्वव्यापक हुआ है। जीवन के अनेक जाने-अनजाने कोनों तक यह कहानीकार गया है। समाज के विभिन्न स्तर, निजी व्यक्तित्व रखनेवाले पात्र और किसिम-किसिम की भाव-स्थितियों और उसके अनुरूप ही नहीं, बल्कि सशक्त और सरल रूप से व्यक्त कर सके, ऐसी भाषा की अभिव्यक्ति हासिल करने के लिए आज का कहानीकार जैसे सजग रूप से औज़ार लेकर कहानियाँ लिखने बैठा है।
इन कहानियों ने न तो समाज को हाशिए पर धकेला है न ही स्वरूप के प्रति अभिज्ञता गँवायी है। आज का सर्जक अनुभव के केन्द्र में ही घिरा हुआ नहीं है, उसकी परिधि के तरफ़ भी गति के दौरान अनेक त्रिज्याओं द्वारा निजी लय और आकृतियाँ प्रकट कर रहा है। इन कहानियों में स्पष्ट परिलक्षित होता है कि पात्रों के मनोजगत के साथ-साथ विधि-विधान और समग्र परिवेश का जीवन्त आलेखन वर्णन मात्र न रहकर कहानी को निरन्तर गति देने में और चरित्रों को समुचित रूप से उजागर करने में सहायक बन पड़े हैं। कुछ पात्र तो चरित्र की कक्षा तक ही न रहकर संवेदना से युक्त, चुनौतीपूर्ण और रोचक भी हो उठे हैं। भाषा तर्ज़ुमेदार वाक्य संरचनाओं से बाहर निकलकर गुजराती भाषा की तासीर प्रकट कर सके, ऐसी देह धारण कर सकी है।
समग्र रूप से देखें तो गुजराती कहानी के पिछले तीन दशकों से चुनी हुई इन कहानियों में गुजराती समाज का चित्रण है। ये कहानियाँ अधिक कलात्मक और अन्य भाषाओं की तुलना में सर उठाकर सीना तान कर खड़ी रह सकें, ऐसी सक्षम सिद्ध हुई हैं।
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Samkaleen Gujrati Kahaniyan
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Bharatiya Jnanpith
Publication | Bharatiya Jnanpith |
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