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संगतराश

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संगतराश - 
सुधी रचनाकार नीतू मुकुल एक साथ अनेक विधाओं में रचनारत हैं। लेखिका ने स्त्री विमर्श और स्त्री चेतना को महज़ सतही तौर पर नहीं लिया है। वह जीवन के सहज प्रवाह के बीच से उभरता है, जहाँ उनकी नायिकाएँ अपने ढंग से निर्णय लेने को आतुर हैं। अपनी राह ख़ुद बनाना चाहती हैं, अपने तरीक़े से जीना चाहती हैं, लेकिन उनके सामने कड़ी चुनौतियाँ भी हैं। मानवीय संवेदनाओं को लेकर नीतू मुकुल बेहद सजग हैं। उनकी कहानियों में भौतिकता की अन्धी दौड़ के बीच रिश्तों के दरकने का दर्द छलकता है। यह पीड़ादायी अनुभव तब और तीख़ा हो जाता है जब लेखिका देखती है कि इन्सान रोबोट बनते जा रहे हैं और रोबोट इंसान। इस दौर में रिश्ते जीना तो चाहते हैं पर निभाना नहीं। नयी पीढ़ी रिश्तों को इंजॉय तो करना चाहती है पर पैनिक नहीं। वह फ़िल्म के रोबोट की तरह नहीं बनना चाहती, जिसमें रोबोट की आँखों में आँसू आ गये हों। ऐसे में उनकी कहानियाँ अहसासों और रिश्तों की पुनर्स्थापना के लिए प्रवृत्त हैं। लेखिका की निगाह इस बात पर भी है कि रूढ़िवादी सोच से ग्रसित समाज में नारी के सामने अनेक चुनौतियाँ हैं। एक तरफ़ बन्द समाज में नारी के ज़ेहन में पलती सहज उड़ान, आकांक्षाएँ और सपने हैं। दूसरी ओर तमाम तरह के दबावों और अन्तद्वन्व्ह के बावजूद स्त्री अपने जीवन की राह ख़ुद तलाशना चाहती है।
—प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा
विभागाध्यक्ष, हिन्दी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन

ISBN
9789357758598
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Bharatiya Jnanpith
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नीतू मुकुल (Neetu Mukul)

"नीतू मुकुल - जन्म: उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद में। प्रारम्भिक शिक्षा महोबा और उच्च शिक्षा बाँदा से। राजनीति शास्त्र में पोस्टग्रेजुएट व राजा मानसिंह विश्वविद्यालय, ग्वालियर से संगीत में स्नातक की डिग्री। पाखी, कथादेश, अहा ज़िन्दगी, कादम्बनी, आधुनिक साहित्य, कथा बिम्ब आदि पत्रिकाओं में कहानियों का प्रकाशन। दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका, नयी दुनियाँ, हरिभूमि, नवज्योति आदि दैनिक समाचार-पत्रों में कहानियाँ एवं लेखों का प्रकाशन। पहला कहानी संग्रह 'ऐसा प्यार कहाँ' भाषा विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा चयनित दूरदर्शन जयपुर एवं आकाशवाणी इन्दौर, जयपुर व भोपाल से कहानियों का प्रसारण। कथादेश- अखिल भारतीय लघु कथा प्रतियोगिता में लघु कथाएँ पुरस्कृत एवं अखिल भारतीय शब्द प्रवाह साहित्य सम्मान, उज्जैन से सम्मानित। "

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