सप्तपर्णी

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9789369447404
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"यानी वो विचित्र पेड़ जिसके एक पत्ते में सात अलग-अलग पत्तियाँ एक साथ जुड़ी होती हैं। ‘सप्तपर्णी’ वो अनोखा वृक्ष जिसे शुभ-अशुभ दोनों ही एक साथ माना जाता है जिसे भाव का भेद तो मिला ही भाषा का भेद भी मिला, व्यवहार का भेद भी मिला। जिसे संस्कृत में शुभ कहा गया, अंग्रेज़ी में शैतान का सींग कहा गया क्योंकि पत्तियों को उल्टा करो तो वो शैतान के सींग कहलाती हैं, जो इन्सानों के लिए औषधि है जानवरों के लिए ज़हर। जिसके फूलों में मारक महक है, तो पत्तियों में विष, तभी जानवर दूर भागते हैं। इस कहानी-संग्रह में 7 कहानियाँ हैं— कहानी-संग्रह दरख़्त-ए-आज़ाद हिन्द, आईना दर्पण-7, ट्रक नं. 1220, शकूर बस्ती का रहमान, कर्ज़दार, छुट्टा साँड़ और पोखरण में पखावज। सभी कहानियाँ आज के समाज की अनसुलझी गुत्थियों को खोलती हुई सीधी बात करती कहानियाँ, लीक से अलग हटकर बहती संवेदनशीलता की जुबानी, रहस्य, रोमांच, नाटकीय, तथ्य यानी जीवन की नौटंकी दिखाती एक-एक कहानी पहाड़ी नदी सी उछलती आती है और अगर, मगर जैसे हर भाव को भिगोती चली जाती है। सीधी चाल चलती हैं ये और मोड़ पर प्रकट हो जाती हैं ये कहानियाँ एक और ज़िन्दगी की तलाश में— हम इस उस, और हम सब की तरह। "
ISBN
9789369447404
"यानी वो विचित्र पेड़ जिसके एक पत्ते में सात अलग-अलग पत्तियाँ एक साथ जुड़ी होती हैं। ‘सप्तपर्णी’ वो अनोखा वृक्ष जिसे शुभ-अशुभ दोनों ही एक साथ माना जाता है जिसे भाव का भेद तो मिला ही भाषा का भेद भी मिला, व्यवहार का भेद भी मिला। जिसे संस्कृत में शुभ कहा गया, अंग्रेज़ी में शैतान का सींग कहा गया क्योंकि पत्तियों को उल्टा करो तो वो शैतान के सींग कहलाती हैं, जो इन्सानों के लिए औषधि है जानवरों के लिए ज़हर। जिसके फूलों में मारक महक है, तो पत्तियों में विष, तभी जानवर दूर भागते हैं। इस कहानी-संग्रह में 7 कहानियाँ हैं— कहानी-संग्रह दरख़्त-ए-आज़ाद हिन्द, आईना दर्पण-7, ट्रक नं. 1220, शकूर बस्ती का रहमान, कर्ज़दार, छुट्टा साँड़ और पोखरण में पखावज। सभी कहानियाँ आज के समाज की अनसुलझी गुत्थियों को खोलती हुई सीधी बात करती कहानियाँ, लीक से अलग हटकर बहती संवेदनशीलता की जुबानी, रहस्य, रोमांच, नाटकीय, तथ्य यानी जीवन की नौटंकी दिखाती एक-एक कहानी पहाड़ी नदी सी उछलती आती है और अगर, मगर जैसे हर भाव को भिगोती चली जाती है। सीधी चाल चलती हैं ये और मोड़ पर प्रकट हो जाती हैं ये कहानियाँ एक और ज़िन्दगी की तलाश में— हम इस उस, और हम सब की तरह। "
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