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Bharatiya Jnanpith
Taptsamadhi Tatha Anya Kahaniyan
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Taptsamadhi Tatha Anya Kahaniyan
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"तप्तसमाधि तथा अन्य कहानियाँ -
मीरा सीकरी की इस संग्रह की कहानियों की विशेषता, उनके पूर्व प्रकाशित कहानी-संग्रह के क्रम में यह है कि वे पाठकों को लम्बे समय तक अपने विचारों और संवेदनाओं में बाँधे रखती हैं। एक कहानी को पढ़ने के बाद दूसरी कहानी को पढ़ने के लिए, इसी लिए कुछ वक़फा चाहिए। कहानियों के बनते-मिटते ध्वनि बिम्ब पाठकीय स्मृति में अपनी अनुगूँज छोड़ जाते हैं। अप्रत्याशित मोड़, प्रतीक धर्मिता और समापन रूढ़ि का शिकार हुए बिना, सादे शिल्प-विधान में लेखिका ने महत्त्वपूर्ण कहानियों की रचना की है।
आज के कठिन समय में सम्बन्धों के जो नये पहलू सामने आ रहे हैं, जो नये समीकरण बन रहे हैं, दृष्टिकोणों और विचारों में, व्यवहारों और आचरणों में जो आपाधापी मची हुई है, उसे लेखिका ने कलात्मक ढंग से उकेरा है। हिंसा के बारीक रेशों तथा आतंक से घिरे मनुष्य की नियति को, उसकी विद्रूप और विसंगत स्थितियों में छिपे हिंसा के महीन रेशों को उनकी कहानियाँ, किसी सजावट-बनावट के बिना, प्रामाणिक और मनोवैज्ञानिक तरीक़े से उधेड़ती चलती हैं। इस कहानियों से नारी और दलित की पीड़ा और सन्ताप का, 'सुन्दर भय' से मुक्ति की छटपटाहट का संवेदनात्मक ब्ल्यू प्रिंट तैयार किया जा सकता है, हालाँकि नारी और दलित जैसे प्रचलित विमर्शों में इन्हें बाँधा नहीं जा सकता।
कथा-निदेशन की ख़ूबी, ब्यौरों और तनावों का नाटकीय विधान उनकी कहानियों को एक अलग रचाव में ढालने में समर्थ है। उनके कहानीकार में एक रंगकर्मी छिपा हुआ है जो चरित्रों के रंग-रेशों, भावों मनोभावों और विचारों को रंग-छायाओं और रंग हरकतों का हिस्सा बना देता है। ध्यान देने की बात है कि वास्तविकता और कला के सीमान्त इन कहानियों में, अनुभव और विचार की बानगियों के साथ खुलते और फैलते गये हैं और पाठकीय चेतना में उतरते गये हैं।
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Taptsamadhi Tatha Anya Kahaniyan
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Bharatiya Jnanpith
Publication | Bharatiya Jnanpith |
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